By अभिनय आकाश | Jul 29, 2024
राहुल गांधी ने बजट भाषण पर बोलते हुए कहा कि अपने पिछले भाषण में मैंने कुछ धार्मिक अवधारणाओं के बारे में बात की थी। शिव जी की अहिंसा की अवधारणा, तथ्य यह है कि त्रिशूल उनकी पीठ के पीछे रखा जाता है और हाथ में नहीं रखा जाता है। मैंने शिव जी के गले में सांप के बारे में बात की, और मैंने यह भी कहा कि कैसे हमारे देश में सभी धर्म अहिंसा के विचार का प्रस्ताव करते हैं और इसे 'डरो मत, डरो मत' वाक्यांश में समाहित किया जा सकता है।
राहुल ने कहा कि मैंने यह भी कहा कि व्यक्तिगत से परे एक विचार है, अभय मुद्रा का विचार, जो हर किसी के प्रति स्नेह और अहिंसा की भावना को स्थानांतरित करता है। भारत में डर का माहौल है और यह डर हमारे देश के हर हिस्से में व्याप्त है। समस्या यह है कि भाजपा में केवल एक ही व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने की अनुमति है। अगर रक्षा मंत्री प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं तो यह एक बड़ी समस्या है; डर है। यह डर पूरे देश में फैला हुआ है, और मैं खुद से यह सवाल पूछता हूं कि यह डर इतनी गहराई तक क्यों फैल रहा है? ऐसा क्यों है कि भाजपा में मेरे मित्र भयभीत हैं, मंत्री भयभीत हैं, किसान भयभीत हैं, कार्यकर्ता भयभीत हैं?
राहुल गांधी ने एक बार फिर अंबानी-अडानी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी A1 और A2 की रक्षा करना चाहते हैं। राहुल गांधी ने उद्योगपति गौतम अडानी और मुकेश अंबानी का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी A1 और A2 की रक्षा करना चाहते हैं, हम समझते हैं। दरअसल, राहुल गांधी ने यह बात स्पीकर ओम बिरला द्वारा उनके नाम का इस्तेमाल करने से रोकने के बाद कही। राहुल ने अपने भाषण में कहा कि आज देश को छह लोग कंट्रोल करते हैं। ये छह लोग नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, अंबानी और अडानी हैं। केंद्रीय बजट पर राहुल गांधी के भाषण के दौरान लोकसभा में हंगामा हो गया। राहुल के इस बयान पर स्पीकर ने टोकते हुए कहा कि आप संविधानिक पद पर हैं। आपके कई माननीय सदस्यों ने लिखकर दिया है कि जो सदन का सदस्य नहीं है उसका नाम नहीं लेना है। आपने लिख कर दिया है। ओम बिरला ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष से अपेक्षा करता हूं कि वो नियमों का पालन करेंगे। राहुल ने इसके जवाब में कहा कि अगर आप चाहते हैं तो मैं एनएसए और अंबानी-अडानी का नाम इस लिस्ट से निकाल देता हूं। किरण रिजिजू ने गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, 'आप सदन के नियमों को नहीं जानते, आप सदन के अध्यक्ष को चुनौती देते हैं।