ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा- संशोधित नागरिकता कानून रद्द करे भारत

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 11, 2020

नयी दिल्ली। ह्यूमन राइट्स वॉच ने शुक्रवार को कहा कि भारत को संशोधित नागरिकता कानून तुरंत रद्द करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत की शरण संबंधी या शरणार्थी नीति धर्म अथवा किसी भी आधार पर भेदभाव करने वाली नहीं हो तथा अंतरराष्ट्रीय कानून के मानकों के अनुरूप हो।

इसे भी पढ़ें: रजनीकांत बोले, CAA से मुसलमानों को कोई खतरा नहीं

मानवाधिकार संस्था के दक्षिण एशिया क्षेत्र की निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने 82 पन्नों की रिपोर्ट ‘शूट दी ट्रेटर्स: डिस्क्रिमिनेशन अगेंस्ट मुस्लिम्स अंडर इंडियाज न्यू सिटिजनशिप पॉलिसी’ जारी करते हुए कहा कि नया संशोधित नागरिकता कानून भारत के अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन करता है जिनके मुताबिक नस्ल, रंग,वंश, राष्ट्र आदि के आधार पर नागरिकता देने से इनकार नहीं किया जा सकता।

इसे भी पढ़ें: बंगाल में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का स्वागत, भाजपा सांसद बोले- PM के लिए लगे वापस जाओ के नारे

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने की अपील की है लेकिन भेदभाव तथा मुस्लिम-विरोधी हिंसा के खिलाफ लड़ाई के लिए एकजुटता का अब तक आह्वान नहीं किया है।’’ रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि सरकार की नीतियों ने भीड़ हिंसा और पुलिस की निष्क्रियता के लिए दरवाजे खोले जिससे देशभर में मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के बीच डर पैदा हुआ है।

प्रमुख खबरें

मुश्किल में फंसे रॉबिन उथप्पा, लाखों की धोखाधड़ी के चलते अरेस्ट वारंट जारी

मुद्रास्फीति-वृद्धि का संतुलन बहाल करना हो प्राथमिकता: एमपीसी बैठक में Shaktikanta Das

Piyush Goyal का लॉजिस्टिक्स सुधार के लिए सरकारी मंचों के साथ उद्योग के एकीकरण का आह्वान

ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक वृद्धि की तरफ सफर में कोयला क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका: G Kishan Reddy