By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 21, 2019
वाशिंगटन। अमेरिका के एक संगठन का कहना है कि ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम ना केवल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए बल्कि दोनों देशों के लिए भी फायदेमंद है। ट्रम्प और मोदी ह्यूस्टन में 22 सितम्बर को ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में 50,000 से अधिक भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करेंगे। ‘यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम’ के अध्यक्ष मुकेश अघी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कुल मिलाकर, संदेश बेहद स्पष्ट है कि भारत और अमेरिका स्वाभाविक सहयोगी हैं और यह संबंध समय के साथ और मजबूत होगा।’’
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उन्होंने कहा कि अमेरिका के सबसे समृद्ध अल्पसंख्यक भारतीय-अमेरिकी पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कहीं एकत्रित होंगे। अघी ने कहा, ‘‘यह एक एसे राज्य में हो रहा है जो चुनाव के लिहाज से हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। राष्ट्रपति ट्रम्प के लिए ह्यूस्टन आना और प्रधानमंत्री मोदी के साथ सभा को संबोधित करना दोनों के लिए फायदेमंद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नजरिए से ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां उन्हें अमेरिका की जरूरत है। उनमें से एक मुद्दा क्षेत्र की भू-राजनीति है । प्रधानमंत्री के साथ ट्रंप जब सभा को संबोधित करेंगे तो उससे यह संदेश जाएगा कि अमेरिका और भारत भूराजनीति के मुद्दे पर भी एक हैं। इसलिए यह ना सिर्फ दोनों नेताओं के लिए बल्कि दोनों देशों के लिए भी फायदे की बात है।’’
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अघी ने कहा कि अमेरिकी सरकार का मानना है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मामला है और भारत ने नियंत्रण रेखा या किसी भी अन्य अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय स्थिति को बदला नहीं है और इस तरह यह भारत का आंतरिक मामला है। भारत सरकार के पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने की घोषणा करने पर अघी ने कहा, ‘‘ इस पर अमेरिका का रुख यह है कि यह भारत का आंतरिक मामला है।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को हफ्ते भर की अमेरिकी यात्रा पर रवाना हो गए। यात्रा पर रवाना होने से पहले मोदी ने कहा ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी यात्रा भारत को अवसरों की जीवंत भूमि, एक विश्वसनीय साझेदार और एक वैश्विक नेता के रूप में पेश करेगी तथा अमेरिका के साथ हमारे संबंधों को नयी ऊर्जा प्रदान करने में भी मदद करेगी।’’
मोदी ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में वह नयी दिल्ली के इस रुख को दोहराएंगे कि इस वैश्विक मंच में सुधार किया जाए जहां भारत अपनी उचित भूमिका निभा सके। उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न क्षेत्रों में उनकी सफलता, अमेरिका में जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उनका योगदान, भारत के साथ उनका मजबूत जुड़ाव और दोनों लोकतंत्र को जोड़ने में उनकी भूमिका हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।’’