By अंकित सिंह | Aug 28, 2024
धर्मांतरण देश में लगातार बड़ी समस्या बनती जा रही है। यहां तक की सुप्रीम कोर्ट ने भी इसको लेकर अपनी चिंता जाता दी है। बार-बार धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून की मांग उठती है। कई राज्यों में इसको लेकर कानून भी बनाए गए हैं। लेकिन कहीं ना कहीं धर्मांतरण को लेकर जो कानून बने हैं, उसके नतीजे ठीक-ठाक सामने नहीं आ रहे हैं। आज भी धर्मांतरण कई राज्यों में खूब किए जा रहे हैं। इसी को लेकर भारत के पीआईएल मैन के रूप में विख्यात सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी बात रखी है।
अश्वनी उपाध्याय ने कहा कि जब तक धर्मांतरण कराने वाले मिशनरियों, जिहादियो और उनके मददगारों पर एनएसए, यूएपीए, युद्ध छेड़ना, देशद्रोह और गैंगस्टर ऐक्ट नहीं लगेगा तथा उनकी 100% संपत्ति जब्त नहीं होगी, नागरिकता खत्म नहीं होगी और आजीवन कारावास नहीं होगा, तब तक धर्मांतरण नहीं रुकेगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में आज हिंदुओं को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। हिंदू वहां बड़ी तादाद में है। बावजूद इसके उन पर जबरदस्त तरीके से अत्याचार की खबरें आ रही है। उन्होंने जिहादियों पर जबरदस्त तरीके से वार किया। उन्होंने कहा कि हम भारतवासी और हिंदू लगातार यह कहते हैं कि मजहब नहीं सीखा था आपस में बैर रखना, लेकिन आज आप देखेंगे कि पाकिस्तान अफ़गानिस्तान जैसे देशों में हिंदू खत्म हो चुके हैं। भारत के नौ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि लगभग देश के 200 जिलों के डेमोग्राफी बदल चुकी हैं। उन्होंने दावा किया कि आज पूरी दुनिया में मजहब का झगड़ा चल रहा है। बांग्लादेश की स्थिति एक बार फिर से हिंदुओं को जागने पर मजबूर कर रही है। उन्होंने समान शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में अगर मुगलिया और मिशनरी स्कूलों को बैन नहीं किया गया तो भारत बर्बादी की ओर बढ़ सकता है। आगे धर्मांतरण और तेजी से होगा। उन्होंने दावा किया कि जो पाकिस्तान के मदरसे में पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है, वहीं भारत के भी मदरसे में पाठ्यक्रम होता है। इसलिए हमें समान शिक्षा पर छोड़ देना होगा। सभी के लिए एक शिक्षा को महत्व देना होगा।