By मिथिलेश कुमार सिंह | Jun 06, 2020
आज के समय में केवल इंजीनियरिंग और डॉक्टरी ही कॅरियर के केंद्र बिंदु नहीं हैं, बल्कि दूसरे तमाम कॅरियर ऑप्शंस बच्चों के सामने मौजूद हैं। पर इस बात से शायद ही कोई इनकार करेगा कि बावजूद दूसरे ऑप्शंस की उपलब्धता के आज भी इंजीनियरिंग एक शानदार और चमकता कॅरियर माना जाता है।
उसमें भी बात जब आईआईटी जैसे संस्थानों में प्रवेश की हो, तब हर किसी इंजीनियरिंग की चाहत रखने वाले व्यक्ति की सजगता और तत्परता बढ़ ही जाती है। पर मुश्किल यह है कि आईआईटी में प्रवेश पाने के लिए बेहद कठिन परीक्षा से आपको गुजरना होता है। 12वीं की सफल परीक्षा के बाद तैयारी के लिए आपको अपना सब कुछ झोंक देना पड़ता है।
आइए जानते हैं कि आईआईटी में प्रवेश पाने के लिए आपको किस ढंग से तैयारी करनी चाहिए।
आठवीं के तुरंत बाद सजगता आवश्यक
जी हां! भारत भर की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है आईआईटी की परीक्षा। ऐसे में अगर आप यह सोचते हैं कि तुरंत ही तैयारी करके आप आईआईटी जैसे संस्थानों में प्रवेश पा लेंगे तो यह दिवा-स्वप्न जैसा साबित हो सकता है, खासकर सामान्य बुद्धि के बच्चों के लिए!
सच तो यह है कि ऐसे लोग ही इस परीक्षा में ज्यादा सफल होते हैं जो आठवीं के बाद तुरंत ही सजग हो जाते हैं। वह नहीं तो उनके माता-पिता अपने बच्चों को आईआईटी की गंभीरता से रूबरू करा ही देते हैं।
ऐसे बच्चे न केवल अपना नियमित पठन-पाठन वह पूर्णता के साथ करते हैं, बल्कि आईआईटी तैयारी के लिए फाउंडेशन कोर्स उनके लिए मददगार साबित होता है।
सेल्फ स्टडी
आठवीं के बाद 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं का अगर आपने सजगता से अध्ययन कर लिया, गणित और विज्ञान जैसे विषयों के फंडामेंटल्स क्लियर कर लिए, तो आप यह समझ लें कि पहली बाधा आपने क्रॉस कर ली।
इसके साथ अगर आपने फाउंडेशन कोर्स और आईआईटी के प्रश्न पत्रों के पैटर्न को माध्यम बनाकर तैयारी कर ली और उस तरह के प्रश्नों पर पकड़ बना ली तो आप इसकी सर्वाधिक महत्वपूर्ण परीक्षा को अवश्य ही क्रैक कर सकते हैं।
ध्यान रखें, सेल्फ-स्टडी इस मामले में आपकी काफी मदद कर सकती है।
रूटीन बना कर पढ़ना
आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास करना किसी महायुद्ध से कम मत मानिये। इसके लिए आपको एक एक क्षण का महत्त्व समझना पड़ता है। अगर आप नियमित रूटीन फॉलो नहीं करते हैं, और खुद को सख्त अनुशासन में नहीं रखते हैं तो आप यह जान लें कि आप लाखों नौजवानों से पीछे रह जाने वाले हैं।
रिवीजन का महत्व
आपने आईआईटी की तैयारी कर ली है तो आप रिवीजन के महत्व को कम मत आंकिये। आप लगातार अपने पढ़े हुए विषयों का रिवीजन करते रहेंगे तो इससे आप परीक्षा के समय भूल नहीं पाएंगे। इसके साथ ही अगर आपने अच्छे से रिवीजन किया है तो परीक्षा के दौरान आपको घबराहट महसूस नहीं होगी और प्रत्येक विषय पर आप की पकड़ मजबूत बनती जाएगी। ऐसे में निश्चित रूप से आपका आत्मविश्वास आसमान छू सकता है। कैरियर काउंसलर रिविजन के महत्त्व पर काफी जोर देते हैं।
समयबद्ध, मॉक टेस्ट के अनुसार करें तैयारी
ध्यान रहे अब चाहे जितना भी सिलेबस की तैयारी कर लें, लेकिन अगर बीच-बीच में अपनी तैयारियों की जांच आप नहीं करते हैं तो संभवतः परीक्षा के समय पर आप उलझन में पड़ सकते हैं। इससे बचने के लिए आपको मॉक टेस्ट का तरीका अपनाना होगा। इसके लिए आप आईआईटी के पिछले साल के प्रश्न पत्रों का अभ्यास तय समय सीमा में करने का प्रयत्न करें। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आप बार-बार इस प्रयास को करते हैं तो आप की पकड़ ना केवल प्रश्नों पर बनेगी बल्कि आप समय का भी प्रबंधन अच्छे से कर पाएंगे और तय समय सीमा में अपने प्रश्न पत्र को साल्व कर पाएंगे।
- मिथिलेश कुमार सिंह