By नीरज कुमार दुबे | Jan 12, 2023
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम शौर्य पथ में ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी से सवाल किया गया कि वर्तमान वैश्विक माहौल को देखते हुए हमारी सेना को और कैसे सक्षम बनाया जा सकता है? साथ ही हमारी सेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कौन-कौन से कदम उठाए गए हैं?
इन सवालों के जवाब में श्री त्रिपाठी ने कहा कि हमारी सेना को आत्मनिर्भर बनाने के काम तेजी से चल रहे हैं। इस कड़ी में घरेलू रक्षा कंपनियों को जिस तरह बढ़ावा दिया जा रहा है वह भी हमारे लिये लाभदायक है। एक तो इससे मुश्किल समय में हम दूसरों पर साजोसामान के लिए निर्भर नहीं होंगे साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ाने के अलावा हम रक्षा आयातक से निर्यातक की भूमिका में आ सकेंगे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में देखें तो पाकिस्तान और चीन ही दो मुख्य चुनौती हैं। लेकिन पाकिस्तान खुद संघर्ष में फंसा हुआ है और उसे यह बात अच्छी तरह पता है कि वह भारत से सीधी लड़ाई में कभी नहीं जीत सकता इसीलिए वह आतंकवाद का सहारा लेता रहेगा जिसके लिए हमें पूरी तरह सतर्क रहना होगा। इसके अलावा चीन भी यह समझ चुका है कि यह 1962 वाला भारत नहीं है इसलिए सीधी लड़ाई वह भी कभी नहीं करेगा। उसका प्रयास रहेगा कि तवांग जैसी घटनाओं को दोहरा कर वह भारत पर मनोवैज्ञानिक रूप से दबाव डालता रहे इसलिए उसका सामना करने के लिए हमें अलर्ट रहना होगा।
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी ने कहा कि साथ ही हमें अपने रक्षा साजो-सामान को भी उन्नत बनाते रहना होगा। वर्तमान की सरकार जिस तरह तीनों सेनाओं की जरूरतें पूरी कर रही है और आगे आने वाली संभावित चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए तैयारी कर रही है उससे भारत की प्रतिरक्षा क्षमता और बढ़ रही है।