By अभिनय आकाश | Apr 07, 2023
200 करोड़ के जबरन वसूली घोटाले में रोहिणी जेल के अधिकारियों ने सुकेश चंद्रशेखर के साथ सांठगांठ की एक जानकारी सामने आई है। सुकेश ने जेल के अंदर से अपने घोटाले को चलाने के लिए जेल के शीर्ष अधिकारियों को कैसे रिश्वत दी, इसका खुलासा हुआ। सुकेश द्वारा हर महीने जेल में विलासिता के लिए करोड़ों रुपये का भुगतान किया जाता है। इसको लेकर मीडिया रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। जांच से जुड़े सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि 200 करोड़ रुपये की फिरौती मामले में आरोपी कॉनमैन सुकेश चंद्रशेखर दिल्ली की रोहिणी सेंट्रल जेल से जबरन वसूली का रैकेट चला रहा था और जेल अधिकारियों की मिलीभगत से एक संगठित अपराध सिंडिकेट था।
सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि सुकेश चंद्रशेखर ने जेल अधिकारियों को जेल सेल के अंदर अवैध सुविधाओं के बदले में हर महीने करोड़ों रुपये का भुगतान किया। रोहिणी जेल के तीन अधिकारी सुंदर बोरा (रोहिणी जेल के तत्कालीन अधीक्षक), महेंद्र प्रसाद सुंदरियाल (रोहिणी जेल के तत्कालीन उप अधीक्षक) और धरम सिंह मीणा (रोहिणी जेल के तत्कालीन सहायक अधीक्षक) अब कटघरे में हैं। सुकेश जेल के अंदर से ही ठगी का धंधा चलाता है। ये तीनों अधिकारी 2020-21 में रोहिणी जेल (बैरक नंबर 10) में तैनात थे, जहां सुकेश बंद था। जेल अधिकारियों और सुकेश ने जेल के अंदर अनधिकृत और अवैध सुविधाओं तक पहुंच बनाने के लिए सुकेश के लिए "शर्तों" पर चर्चा की।
किसे कितना भुगतान किया?
सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि सुंदर बोरा (अधीक्षक) को 1.5 करोड़ रुपये प्रति माह और महेंद्र प्रसाद सुंदरियाल (उप अधीक्षक) को 25 लाख रुपये प्रति माह का भुगतान किया गया था। सुकेश द्वारा करोड़ों रुपए 'प्रोटेक्शन मनी' के रूप में दिए गए। सुकेश ने कथित तौर पर जेल के डीजी को हर महीने करीब 2 करोड़ रुपये देने की बात कबूल की है।
जेल में सुकेश को मिल रही अवैध सुविधाएं
एक आईफोन 12 प्रो सुकेश द्वारा चेन्नई से पैरोल के दौरान खरीदा गया था और जेल के अंदर जबरन वसूली के लिए इस्तेमाल किया गया था। जेल अधिकारियों ने सुकेश को एक एयरटेल सिम कार्ड हासिल करने में मदद की, जिसका इस्तेमाल जेल परिसर के अंदर इंटरनेट सेवाओं का लाभ उठाने के लिए किया जाता था।