हिसार के रहने वाले डिफेंडर Sanjay Kalirawana एशियन गेम्स के बाद पेरिस में दमखम दिखाने को तैयार

By Anoop Prajapati | Jul 07, 2024

पेरिस ओलंपिक के लिए रवाना होने वाली टीम में हिसार से आने वाले संजय कालीरावणा ने अपनी जगह बनाने में सफलता पाई है। संजय एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम में शामिल थे। हिसार के डाबड़ा गांव के संजय कालीरावणा ने सात साल की उम्र में हॉकी थामी। आर्थिक तंगी के कारण वह हॉकी नहीं खरीद सका। एक माह तक अपने सीनियर्स की हॉकी लेकर प्रैक्टिस की। इसके बाद कोच राजेंद्र सिहाग ने हॉकी दिलाई तो संजय ने हॉकी में आज नाम चमका दिया। संजय ने विरोधी खिलाड़ियों के आक्रमण से बचाव कर टीम की जीत में भूमिका निभाई। वे पहली बार एशियन गेम्स में खेल रहे थे।


संजय की दो बहनें हैं। पिता नेकीराम किसान हैं जबकि माता कौशिल्या गृहिणी हैं। संजय को यहां तक पहुंचाने के लिए परिवार के साथ-साथ कोच राजेंद्र सिहाग का अहम सहयोग रहा। इन्हीं की बदौलत संजय आज इस मुकाम पर पहुंचा है। कोच राजेंद्र सिहाग का कहना है कि गांव पहुंचने पर संजय का स्वागत किया जाएगा। संजय ने वर्ष 2021 में जूनियर वर्ल्ड कप खेला। इसी प्रकार 2018 में यूथ ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। 


उन्होंने हाल के समय में भारत की कई जीत में बड़ा योगदान दिया है। वह मैचों के दौरान अपनी ऊर्जा का सही इस्तेमाल करते हैं और मैदान के बड़े हिस्से को कवर कर मिडफील्डर्स और डिफेंडरों के बीच एक बड़ा पुल बनते हैं। उन्होंने कई गोल भी दागे हैं, जिससे स्पष्ट है कि उनका ध्यान केवल डिफेंस पर केंद्रित नहीं है। संजय ने कहा- हम सभी अपने प्रदर्शन को बड़े टूर्नामेंट में किए प्रदर्शन के आधार पर आंकते हैं। मैं पिछले कुछ वर्षों में टीम की सफलता में योगदान देकर खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं। सुल्तान जोहोर कप 2017 मेरा पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था और हमने वहां कांस्य पदक जीता था। और फिर हम तीसरे युवा ओलंपिक खेल 2018 में रजत पदक हासिल करने में सफल रहे।

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