1992 में पंजाब से भागा, 10 लाख का था इनाम, आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के बारे में जानें, जिसकी वजह से भारत और कनाडा के रिश्ते में आई दरार

By अभिनय आकाश | Sep 19, 2023

कनाडा खालिस्तानी आतंकवादियों का पसंदीदा डेस्टिनेशन प्वाइंट बनता जा रहा है। यहां आतंकवादी और गैंगस्टर्स भारत से भाग कर पनाह ले रहे हैं, इन्हीं में से एक का नाम हरदीप सिंह निज्जर था, जिसकी इसी साल जून के महीने में हत्या कर दी गई थी। वांछित खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत के खिलाफ आरोपों ने दोनों देशों के बीच ताजा तनाव पैदा कर दिया है। ट्रूडो ने कहा कि भारत सरकार के एजेंटों और निज्जर की हत्या के बीच संबंध हो सकता है। उनके इस बयान के कारण एक भारतीय राजनयिक को कनाडा से निष्कासित कर दिया गया। 18 जून को खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के प्रमुख निज्जर की दो अज्ञात हमलावरों ने एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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फर्जी पासपोर्ट के जरिए ली कनाडा में एंट्री

ग्लोबल के मुताबिक, निज्जर 1997 में फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर कनाडा चला गया था। उनके शरणार्थी दावे को खारिज कर दिया गया था, जिसके बाद, उन्होंने एक महिला से शादी की जिसने उन्हें आप्रवासन के लिए प्रायोजित किया था, जिसे भी खारिज कर दिया गया था। ग्लोबल की रिपोर्ट के अनुसार, बाद में ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में उन्हें कनाडाई के रूप में संदर्भित किया। निज्जर को 2020 में भारत द्वारा नामित आतंकवादी घोषित किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, निज्जर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन केटीएफ के लिए लोगों की भर्ती और प्रशिक्षण में सक्रिय रूप से शामिल था। वह अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का भी हिस्सा था, जिसने 10 सितंबर को खालिस्तान जनमत संग्रह कराया था।

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कैप्टन अमरिंदर ने ट्रूडो सरकार को सौंपी थी वांछितों की सूची

पिछले कुछ वर्षों में भारत ने कई बार निज्जर के आतंकवादी गतिविधियों से संबंधों के बारे में अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। 2018 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जस्टिन ट्रूडो को वांछित व्यक्तियों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का नाम भी शामिल था। फिर 2022 में पंजाब पुलिस ने निज्जर के प्रत्यर्पण की मांग की क्योंकि वह राज्य में आतंकवाद फैलाने से संबंधित मामलों में वांछित था। निज्जर कई मामलों में वांछित था, जिसमें 2007 में पंजाब के लुधियाना शहर में हुआ विस्फोट भी शामिल था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 42 लोग घायल हो गए थे। 2010 में पंजाब पुलिस ने पटियाला में एक मंदिर के पास बम विस्फोट में कथित भूमिका के लिए खालिस्तानी आतंकवादी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। ब्रिटेन स्थित एक अन्य वांछित आतंकवादी परमजीत सिंह पम्मा इस मामले में मुख्य आरोपियों में से एक था।

2015 में जारी हुआ लुक आउट नोटिस

2015 में हिंदू नेताओं को निशाना बनाने में उसकी कथित भूमिका के लिए निज्जर के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया था और 2016 में उनके खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया था, जो उनकी कथित मनदीप धालीवाल के प्रशिक्षण और वित्त पोषण में भागीदारी और हत्या की साजिश रचने से संबंधित था। 2015 और 2016 में निज्जर के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) और रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) भी जारी किया गया था। 2018 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा कि वह पंजाब में आरएसएस नेताओं की हत्या में हरदीप सिंह निज्जर की संलिप्तता की जांच कर रही है। 2022 में पंजाब के जालंधर में एक हिंदू पुजारी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगने के बाद एनआईए ने निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

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