By अभिनय आकाश | Jul 15, 2022
एक पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल पर वहीं के पत्रकार नुसरत मिर्जा की तरफ से किए गए दावे ने सनसनी मचा दी है। यूट्यूबर शकील चौधरी के साथ बातचीत में मिर्जा ने कहा कि उन्हें तत्कालीन उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी और एक अंग्रेजी अखबार मिली गजट के संस्थापक जफरूल इस्लाम खान के न्योते पर भारत आए थे। पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी को लेकर पाकिस्तान के पत्रकार के खुलासे के बाद बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है। जिसके बाद हामिद अंसारी ने आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि उन्होंने उस व्यक्ति को कभी आमंत्रित नहीं किया और उनके सभी निमंत्रण सरकार की सलाह पर थे। अब इस बीच, ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आदिश अग्रवाल ने कांग्रेस और हामिद अंसारी को लेकर नया खुलासा किया है।
अखिल भारतीय बार एसोसिएशन अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हमने पाकिस्तानी पत्रकार (नुसरत मिर्जा) को आमंत्रित किया, यह तथ्यात्मक रूप से गलत है। हमने उन्हें न तो आमंत्रित किया और न ही उन्होंने सम्मेलन में भाग लिया। यह एक अन्य संगठन द्वारा आयोजित अन्य सम्मेलन था। आदिश अग्रवाल ने कहा कि यह 27 अक्टूबर को जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम द्वारा आयोजित आतंकवाद पर एक और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन था। वह (पाक पत्रकार नुसरत मिर्जा) मंच पर थे और वीपी हामिद अंसारी भी मंच पर थे। उन्होंने कहा कि 2009 के सम्मेलन में हामिद अंसारी, दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और अन्य मुस्लिम नेताओं ने भाग लिया था। डॉ अग्रवाल ने कहा कि ऐसा लगता है कि हामिद अंसारी और जयराम रमेश ने सरकारी एजेंसियों और जनता को गुमराह करने के लिए जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम के सम्मेलन के बारे में खुलासा नहीं करने का फैसला किया।
हामिद अंसारी ने कहा कि पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को नहीं जानते और न ही उन्हें कभी किसी सम्मेलन में आमंत्रित किया था। मिर्जा ने दावा किया था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के शासनकाल में उन्होंने पांच बार भारत का दौरा किया था और इस दौरान यहां जुटाई गई संवेदनशील सूचनाएं अपने देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई को उपलब्ध कराई थीं। मिर्जा ने कथित तौर पर टिप्पणी की थी कि वह अंसारी के निमंत्रण पर भारत आए थे और उनसे मुलाकात भी की थी। हालांकि, अंसारी ने उनके दावों को ‘असत्य एवं निराधार’ करार देते हुए उन्हें खारिज कर दिया था। पार्टी ने अंसारी और मिर्जा की एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें दोनों 2009 में आतंकवाद पर भारत में आयोजित एक सम्मेलन में कथित तौर पर मंच साझा करते हुए नजर आ रहे हैं।