सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में गुजरात ने मारी बाज़ी, नई पॉलिसी के ज़रिए गुजरात में ग्लोबल ग्रुप्स की एंट्री

By निलेश शुक्ला | Sep 23, 2022

इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर पूरी दुनिया के सबसे इन्टेन्सिव वैल्यू चेन में से एक है जो एशिया के कुछ ही देशों तक सीमित है। वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री तकरीबन 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर की है और यह इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली इंडस्ट्री है। सेमीकंडक्टर आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक की आधारशिला हैं जो डिजिटल क्रांति के अगले चरण में सबसे अहम भूमिका निभाएंगे। 


सेमीकंडक्टर का उपयोग स्मार्टफोन और क्लाउड सर्वर से लेकर आधुनिक कारों, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन, क्रिकिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और रक्षा उपकरणों समेत तमाम महत्वपूर्ण उपकरणों में किया जाता है। भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट वर्ष 2026 तक 20 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। 


भारत सेमीकंडक्टर मिशन, डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन का एक स्पेशलाइज़्ड बिज़नेस सेक्टर है जिसे केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा शुरू किया गया था। इस मिशन का लक्ष्य एक संपन्न सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम बना है जिसकी मदद से भारत टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में ग्लोबल लीडर बनकर उभरेगा। 

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क्या होता है सेमीकंडक्टर? किसलिए होता है इस्तेमाल? 

कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जो कि विद्युत के गुड कंडक्टर यानि बिजली के संपर्क में आने पर उनमें करंट लगता है और कुछ पदार्थ ऐसे भी होते हैं जो बिजली के संपर्क में आने पर भी करंट नहीं मारते जिन्हें बैड कंडक्टर कहा जाता है। लेकिन इन दोनों के अलावा कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिसमें गुड और बैड, दोनों कंडक्टर के गुण पाए जाते हैं और उन्हें सेमीकंडक्टर यानि अर्धचालक कहा जाता है। सेमीकंडक्टर आमतौर पर सिलिकॉन चिप्स होते हैं। इनका इस्तेमाल कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, व्हीकल और माइक्रोवेव ओवन तक जैसे कई प्रोडक्ट्स में होता है। ये किसी प्रोडक्ट की कंट्रोलिंग और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करते हैं।

 

सेमीकंडक्टर एक सॉलिड केमिकल कम्पाउंड होता है जिनका इस्तेमाल करके करंट को नियंत्रित किया जा सकता है। इसीलिए यह रोज़मर्रा के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में आसानी से बिजली के प्रवाह को कंट्रोल उसे उपयोग करने लायक बनाता है। डायोड, इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) और ट्रांजिस्टर सभी सेमीकंडक्टर्स से बने होते हैं।


सेमीकंडक्टर उद्योग का ग्लोबल मार्केट कुल $2 ट्रिलियन का है। इसका सबसे ज़्यादा इस्तेमाल कम्प्यूटर और फेरिफेरेल्स के लिए किया जाता है जो कुल सेमीकंडक्टर उद्योग का 26% (NITI आयोग) है। भारतीय की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री इस समय दुनिया के इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर उत्पादन में 1.5% का योगदान देती है। 


गुजरात सरकार ने 30 जुलाई, 2022 को 'सेमीकंडक्टर नीति 2022-27' की घोषणा की, जिसका लक्ष्य पांच वर्ष में कम से कम 2,00,000 नए रोज़गार के अवसर पैदा करना है। गुजरात सरकार ने एक "सेमीकॉन सिटी" विकसित करने का भी फैसला किया है जो धोलेरा SEZ का एक हिस्सा होगी।


गुजरात सरकार द्वारा इस नीति की घोषणा को 2 महीने से भी कम का वक्त हुआ था उससे पहले ही दो टॉप कॉर्पोरेट्स - वेदांता और फॉक्सकॉन ने 1.54 लाख करोड़ के निवेश के साथ सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के निर्माण को लेकर राज्य सरकार के साथ MoU पर हस्ताक्षर किए। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा था, "गुजरात में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए वेदांता और फॉक्सकॉन समूह द्वारा किए गए निवेश से सहायक उद्योगों के लिए बेहतर इकोसिस्टम के निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा और भारत के MSME को मदद मिलेगी।


वेदांता और फॉक्सकॉन द्वारा गुजरात में निर्मित यह यूनिट देश की पहली सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट होगी। वेदांता की वेदांता सेमीकंडक्टर लिमिटेड द्वारा Fab Unit और OSAT Outsourced semiconductor assembly के निर्माण के लिए 60,000 करोड़ रुपए निवेश किए जाएंगे। 

 

यह इकाई 300 मिमी के वेफर के आकार के साथ 28 नेनौमीटर टेक्नोलॉडी नोड्स पर काम करेगी और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट छोटे, मध्यम और बड़े एप्लिकेशन के लिए 8वें जेनेरेशन के डिस्प्ले का उत्पादन करेगी।

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गुजरात निवेशकों को सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है क्योंकि यह एक डेडिकेटेड सेमीकंडक्टर पॉलिसी शुरू करने वाला पहला राज्य है। गुजरात ने भूमि खरीद, पूंजी निवेश, स्टाम्प शुल्क, वॉटर टैरिफ और इलेक्ट्रिसिटी टैरिफ में 10 साल की अवधि के लिए निवेशकों को कई सब्सिडी प्रदान की हैं। 


नई सेमीकंडक्टर नीति में क्या है?


- राज्य सरकार उद्यमियों को मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के लिए 200 एकड़ भूमि की खरीद पर 75 प्रतिशत सब्सिडी देगी। इसके अलावा उन्हें रियायती दरों पर बिजली-पानी उपलब्ध कराने संबंधी प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे।

- वर्तमान की गुजरात सरकार का उद्देश्य राज्य को इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिज़ाइन और मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम (ESDM) में आगे ले जाना है। 

- रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात पॉलिसी इन इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन नीतियों के तहत किए गए इन्वेस्टमेंट के महत्वपूर्ण हिस्से को गुजरात की और निर्देशित करने पर ध्यान केंद्रित करता है।

- पॉलिसी आईएसएम के अंतर्गत अनुमोदित प्रोजेक्ट के लिए केंद्र द्वारा दी गई पूंजीगत व्यय सहायता के 40 परसेंट पर अतिरिक्त कैपिटल हेल्थ प्रोवाइड करेगी।

- सेमीकंडक्टर पॉलिसी एक प्रोजेक्ट, सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब्रिकेशन को हेल्प प्रोवाइड करेगी।


गुजरात में क्यों फल-फूल सकता है सेमीकंडक्टर उद्योग?


बिजली, पानी, गैस और अन्य बुनियादी ढांचों के साथ-साथ गुजरात में मौजूद उत्कृष्ट औद्योगिक बुनियादी ढांचा इसे सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए बेहतरीन जगह बनाता है। राज्य में वर्ल्ड-क्लास 48 प्रमुख बंदरगाहों के अलावा 17 ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स हैं। विशेष निवेश क्षेत्र (धोलेरा SIR, GIDC, मुंद्रा में स्थित इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर), इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए ज़रूरी स्किल्ड मैनपावर की उपलब्धता अन्य कई कारक हैं। 


गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल कहते हैं, "हमें बेहद गर्व और खुशी है कि वेदांता-फॉक्सकॉन JV ने अपने सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए गुजरात को चुना है। उनकी सरकार के 1 साल पूरे होने के दिन आने वाला यह बड़ा निवेश गुजरात में सुशासन और उत्कृष्ट बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के साथ, गुजरात की नीतिगत स्थिरता और नीति समर्थन का प्रमाण है। 


गुजरात की औद्योगिक निवेश अनुकूल नीतियां राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर उद्योगों को निवेश करने के लिए आकर्षित करती हैं। वेदांता और फॉक्सकॉन द्वारा 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश के इस समझौते से यह साबित हो गया है कि गुजरात किसी भी प्रकार के उद्योग की स्थापना के लिए देश का सबसे बेहतरीन राज्य है। जल्द ही गुजरात ना केवल भारत बल्कि पूरे एशिया में सेमीकंडक्टर का हब बन जाएगा। 


- नीलेश शुक्ला

(ज्वाइंट डायरेक्टर (information) गुजरात सरकार, गुजरात भवन)

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