By रेनू तिवारी | Apr 08, 2025
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी की बात यह है कि वर्दी भत्ते के ज़्यादा लचीले वितरण की लंबे समय से चली आ रही मांग आखिरकार पूरी हो गई है। वित्त मंत्रालय ने एक बड़ा अपडेट घोषित किया है, जिसमें कहा गया है कि अब वर्दी भत्ता पहले के तय वार्षिक शेड्यूल के बजाय आनुपातिक आधार पर साल में एक से ज़्यादा बार दिया जाएगा। अब तक, कर्मचारियों को साल में सिर्फ़ एक बार भत्ता दिया जाता था, जो आमतौर पर जुलाई में दिया जाता था, चाहे वे सेवा में कब शामिल हुए हों। 2017 में जारी एक सर्कुलर के बाद से लागू यह व्यवस्था जुलाई के बाद शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए एक बड़ी समस्या थी, क्योंकि उन्हें इसका लाभ पाने के लिए लगभग एक साल तक इंतज़ार करना पड़ता था।
वर्दी भत्ता क्या है?
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार, वर्दी भत्ते में कई घटक शामिल हैं जैसे कि वस्त्र भत्ता, प्रारंभिक उपकरण भत्ता, किट रखरखाव भत्ता, रोब भत्ता, जूता भत्ता, और बहुत कुछ। नए नियमों के तहत, वर्दी भत्ते की गणना निम्न सूत्र का उपयोग करके आनुपातिक आधार पर की जाएगी: (वार्षिक राशि ÷ 12) × ज्वाइनिंग की तिथि से अगले जून तक महीनों की संख्या। उदाहरण के लिए, यदि कोई कर्मचारी अगस्त में ज्वाइन करता है और 20,000 रुपये के वार्षिक भत्ते का हकदार है, तो उसे अब 11 महीने की सेवा के आधार पर: (20,000 ÷ 12) × 11 = 18,333 रुपये मिलेंगे।
भत्ते का वितरण अधिक पारदर्शी होगा
द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एसकेवी लॉ ऑफिसेज के वकील भारत गंगाधरन का कहना है कि आखिरकार 7 साल बाद मंत्रालय ने ड्रेस भत्ते के भुगतान के लिए एक फॉर्मूले के जरिए आनुपातिक भुगतान प्रणाली शुरू की है। इस बदलाव से अब भत्ते का वितरण अधिक समान और पारदर्शी होगा। साथ ही, यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि नए भर्ती हुए कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष के बचे हुए महीनों के लिए कितना भत्ता मिलेगा।
इन्हें मिलते हैं 20,000 रुपये
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिया जाने वाला वर्दी भत्ता अलग-अलग पदों और सेवाओं के हिसाब से तय किया गया है। 7वें वेतन आयोग के मुताबिक, सेना, वायुसेना, नौसेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और तटरक्षक बल के अधिकारियों को हर साल 20,000 रुपये का ड्रेस भत्ता मिलता है।