By अनन्या मिश्रा | Nov 15, 2024
वहीं देव दिवाली पर प्रदोष काल में गंगा नदी के तट पर दिए जलाकर विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन देवता स्वर्गलोक से धरती पर आते हैं और दीपों के प्रकाश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। यह पर्व प्रकाश, भक्ति और धर्म की विजय का प्रतीक भी माना जाता है। इस बार देव दिवाली के मौके पर वारीयन और व्यतीपात योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान भरणी नक्षत्र का भी संयोग रहेगा। जोकि पूजा के लिए शुभ माना जाता है। तो आइए जानते हैं देव दिवाली का मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में...
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक 15 नवंबर 2024 की शाम 05:10 से लेकर 07:47 मिनट तक प्रदोष काल है। जिसमें देव दिवाली मनाई जाएगी। ऐसे में आप भी अपने घर, मंदिर और घाट पर दीपक जला सकते हैं।
दीप जलाने का मंत्र
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोस्तुते।।
दीपो ज्योति परंब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोस्तुते।।
करें ये उपाय
देव दिवाली के दिन एक आटे और मिट्टी का दीपक जलाएं और इसमें 7 लौंग रखें। इस उपाय को करने से घर से दरिद्रता दूर होती है।
तुलसी के पौधे से 11 पत्तियां लेकर इन्हें एक धागे में पिरोकर माला बना लें। फिर इस माला को श्रीहरि विष्णु को अर्पित करें। इस उपाय को करने से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
देव दिवाली के मौके पर महादेव की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा के दौरान भगवान शिव को धतूरा, मदार और शमी के फूल अर्पित करें। इससे वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है।