By अनन्या मिश्रा | Feb 08, 2024
पूरी दुनिया में अपने सुरों को लेकर फेमस जगजीत सिंह किसी पहचान के मोहताज नहीं है। आज ही के दिन यानी की 8 फरवरी को जगजीत सिंह का जन्म हुआ था। गजल गायकी की दुनिया में जगजीत सिंह का नाम बड़े अदब से लिया जाता है। भले ही आज वह हमारे बीच नहीं है। लेकिन उनके गजलों को हर उम्र के लोग पसंद करते हैं। इसी कारण उनको गजल किंग भी कहा जाता है। वहीं बॉलीवुड के तमाम गीतों को उन्होंने अपनी मखमली आवाज से सजाने का काम किया था। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर गजल किंग जगजीत सिंह के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
राजस्थान के श्रीगंगानगर में 8 फरवरी 1941 को जगजीत सिंह का जन्म हुआ था। उनकी शुरूआती पढ़ाई श्रीगंगानगर से शुरू हुई। बाद में वह उच्च शिक्षा के लिए जालंधर चले गए। जगजीत सिंह के पिता का नाम अमर सिंह धमानी था, वह सरकारी कर्मचारी होने के साथ ही संगीत में भी रुचि रखते थे। जगजीत सिंह को अपने पिता से संगीत विरासत में मिला था। इनका असली नाम जगमोहन सिंह धीमान था।
गजल की दुनिया में अपना नाम कमाने वाले जगजीत सिंह की जिंदगी मुश्किलों भरी रही। भले ही उनके पिता संगीत में रुचि रखते थे, लेकिन वह चाहते थे कि जगजीत सिंह पढ़-लिखकर बड़े अफसर बनें। उनके पिता फिल्मों में गाना गाए जाने को लेकर भी खिलाफ थे। ऐसे में संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए जगजीत सिंह को घर छोड़कर भागना पड़ा।
मुंबई में बनाया कॅरियर
अपने सपनों की नगरी मुंबई पहुंचे जगजीत सिंह को गुजारा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। दो वक्त की रोटी के लिए वह दर-दर की ठोकरें खाते थे। दो वक्त के खाने के लिए वह होटल में गाना गाया करते थे। काफी संघर्ष के बाद जगजीत सिंह को पहली उम्मीद तब दिखी, जब उनको पहली गुजराती फिल्म में गाना गाने का ऑफर मिला।
शादी
आपको बता दें कि साल 1967 में जगजीत सिंह की मुलाकात गजल गायिका चित्रा से हुई। चित्रा से उनकी दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। लेकिन चित्रा पहले से शादीशुदा होने के साथ ही एक बेटी की मां थी। हांलाकि वह अपने पति से अलग रहती थीं, लेकिन ऑफिशियल तौर पर उनका तलाक नहीं हुआ था। जब जगजीत ने चित्रा को शादी के लिए प्रपोज किया तो वह फौरन हां नहीं बोल पाईं। ऐसे में जगजीत ने चित्रा के पति से शादी की इजाजत ली और साल 1969 में वह दोनों शादी के बंधन में बंध गए।
कई समारोह में साथ गाते थे गजलें
वहीं जगजीत और चित्रा एक साथ कई गजल समारोह में समां बांधते थे। उन दोनों की जुगलबंदी देखने लायक होती थी। वहीं इस कपल का एक बेटा विवेक था। लेकिन साल 1990 में एक कार हादसे में विवेक की मौत हो गई। उस दौरान विवेक की उम्र महज 18 साल थी। इकलौते बेटे की मौत ने जगजीत और चित्रा को अंदर से तोड़ कर रख दिया था। जिसके बाद दोनों ने गायकी से दूरी बना ली।
गजलों में महसूस हुई तड़प
जगजीत सिंह के करीबियों की मानें, तो गजल सम्राट की गजलों में उनकी तड़प व दुख साफ दिखाई देता था। उन्होंने साल 1976 को पहली एलबम 'द अनफॉरगेटेबल्स' रिलीज की, जो बहुत बड़ी हिट साबित हुई। इसके बाद उनको कभी जिंदगी में पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा। फिल्मों में गजलें गाने की शुरूआत करने के बाद जगजीत सबकी पहली पंसद हुआ करते थे।
मखमली आवाज से लोगों को बनाया दीवाना
'तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो', 'तुमको देखा तो ये ख्याल आया', 'झुकी-झुकी सी नजर बेकरार है कि नहीं', 'प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है', 'होश वालों को', 'ये दौलत भी ले लो', 'चिठ्ठी न कोई संदेश' और 'होठों से छू लो तुम' उनकी खास गजलों में शामिल हैं। करीब 150 से ज्यादा एल्बम में जगजीत सिंह ने अपनी गजलों को खूबसूरत बनाने का काम किया।