सुल्तानपुर डकैती कांड में शामिल बदमाश ठाकुर अनुज मारा गया

By संजय सक्सेना | Sep 23, 2024

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के जो नेता कहा करते थे कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता है वही लोग अब मुठभेड़ में मारे या घायल होने वाले बदमाशों की जाति धर्म ढूढ़ने लगे हैं। अखिलेश यादव आरोप लगाते थे कि पुलिस मुठभेड़ में यादव या कुछ खास बिरादरियों के बदमाश ही क्यों मारे जाते हैं, जबकि कुछ विशेष जाति के बदमाशों पर सिर्फ पैर में गोली पड़ती है। आज संभवता अखिलेश को अपने सवाल का जबाव मिल गया होगा। यूपी पुलिस और एसटीएफ ने सुल्तानपुर डकैती कांड में शामिल बदमाश अनुज प्रताप सिंह को एनकाउंटर में मार गिराया है। अनुज पर एक लाख रुपये का इनाम था और वह डकैती कांड के बाद से फरार चल रहा था। अनुज के एनकाउंटर पर पिता धर्मराज सिंह ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि चलो ठाकुर का एनकाउंटर होने से उनकी (अखिलेश) इच्छा की पूर्ति तो हो गई। सरकार की जैसी मर्जी हो, वो वैसा कर सकती है।


दरअसल, सपा मुखिया ने इससे पहले एनकाउंटर में मारे गए मंगेश यादव के मुद्दे को खूब उठाया था और एसटीएफ पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने जौनपुर निवासी मंगेश के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए कहा था कि इस सरकार में एसटीएफ सरनेम देखकर लोगों को मारती है। उनका कहना था कि यादव होने की वजह से मंगेश को मारा गया, जबकि ठाकुर होने के चलते डकैती कांड के अन्य आरोपियों के पैर में गोली मारी गई या उन्हें सरेंडर करवा दिया गया।

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हालांकि, आज सुबह उन्नाव के अचलगंज में ठाकुर अनुज प्रताप सिंह को भी पुलिस और एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। जिसके बाद एक बार फिर से अखिलेश और यूपी एसटीएफ की चर्चा शुरू हो गई है। बेटे के एनकाउंटर की खबर लगते ही अमेठी निवासी अनुज के पिता धर्मराज सिंह ने अखिलेश यादव पर तीखी प्रतिक्रिया दी। जब धर्मराज से पूछा गया कि मंगेश के एनकाउंटर को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर था कि एक जाति विशेष के लोगों को टारगेट किया जा रहा है तो इस पर उन्होंने कहा कि चलो, अखिलेश यादव जी को इच्छा तो पूरी हो गई, ठाकुरों का भी एनकाउंटर हो गया। ठाकुर के एनकाउंटर से तसल्ली मिल गई। जिस पर 35-40 केस उनका एनकाउंटर नहीं हो रहा, एक-दो केस वालों को मार दिया जा रहा है। सरकार की मर्जी है, जो चाहे वो कराए।


गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही अनुज प्रताप सिंह की बहन ने भी भाई के एनकाउंटर की आशंका जताई थी। उसने कहा था कि पुलिस मंगेश की तरह भाई के एनकाउंटर की भी प्लानिंग कर रही है। बहन ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि मेरा भाई पढ़ाई करता था। एक दोस्त उसे सूरत घुमाने ले गया था। डकैती के दिन (28 अगस्त) भाई से बात हुई थी। 29 अगस्त को अमेठी पुलिस बीमार पिता (धर्मराज सिंह) को उठा ले गई थी। कई दिनों तक कोई सूचना नहीं दी। अनुज प्रताप सिंह अमेठी के मोहनगंज थाने के जनापुर का रहने वाला था। अनुज सुल्तानपुर डकैती गैंग का सरगना बताए जा रहे विपिन सिंह का सबसे करीबी गुर्गा था। विपिन के साथ अनुज गुजरात की एक डकैती कांड में भी साथ था। यह डकैती गुजरात के सूरत शहर में हुई थी। एनकाउंटर में मारे गए अनुज प्रताप सिंह पर दो मुकदमे दर्ज थे, एक सुल्तानपुर में और एक गुजरात में।


पुलिस के अनुसार, 28 अगस्त को सुल्तानपुर में डकैती के लिए के लिए सबसे पहले ज्वैलरी शोरूम में घुसने वाला बदमाश अनुज प्रताप सिंह ही था। सफेद शर्ट पहने अनुज ने ही सबसे पहले शोरूम के अंदर बैठे दुकानदार भरत सोनी और उनके बेटे को पिस्तौल तानकर धमकाया था। इस डकैती कांड में शामिल 14 बदमाशों में अभी 3 की गिरफ्तारी होनी बाकी है। वारदात को अंजाम देने के लिए शोरूम में घुसने वाले पांच बदमाशों में फरार चल रहे फुरकान, अरबाज और अंकित यादव पर भी है एक-एक लाख का इनाम है। अंकित पर पांच मुकदमे, अरबाज पर तीन और फुरकान पर दो मुकदमे दर्ज हैं। जबकि, मंगेश यादव पहले ही मारा जा चुका है। वहीं, इस मामले में गैंग के सरगना विपिन सिंह ने रायबरेली कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।

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