By रितिका कमठान | Sep 09, 2023
जी20 शिखर सम्मेलन में आए सभी वैश्विक नेताओं का स्वागत करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहे। इस दौरान आयोजन स्थल यानी प्रगति मैदान में के नवनिर्मित भारत मंडपम में वो पहुंचे। यहां उन्होंने विश्व के सभी नेताओं के साथ हाथ मिलाकर उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 में आए सभी नेताओं का स्वागत किया तो इस दौरान सभी की नजरें पीएम मोदी और उनके साथ खड़े नेताओं पर टिकी थी। मोदी ने भारतीय राजधानी में विवादास्पद वैश्विक मुद्दों पर दो दिवसीय चर्चा के लिए पहुंचे विश्व बैंक प्रमुख अजय बंगा, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और अन्य प्रतिनिधियों से हाथ मिलाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में पहुंचे विश्व नेताओं को शुभकामनाएं दीं। मगर इसके अलावा अगर किसी चीज ने ध्यान खिंचा है तो वो था वायरल हो रही फोटो का बैकग्राउंड, यानी हर फोटो में ओडिशा के पुरी स्थित कोणार्क के सूर्य मंदिर में बने चक्र दिखाई दिया। इस चक्र पर सभी की निगाहें टिकी रही। कोणार्क सूर्य मंदिर के इस चक्र की प्रतिकृति लगी थी, जिसने स्वागत स्थल की शोभा बढ़ाई है।
ओडिशा का कोणार्क सूर्य मंदिर का पहिया क्या है?
इतिहासकारों के अनुसार कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था। इसका निर्माण राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में किया गया था। कोणार्क का सूर्य मंदिर बेहद खास है। इसमें बने चक्र या पहिये में 24 तीलियां शामिल है। ये पहिया बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के राष्ट्रीय ध्वज में भी इसे ही शामिल किया गया है। ये चक्र या पहिया भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और वास्तुशिल्प उत्कृष्टता का प्रतीक माना जाता है।
माना जाता है कि कोणार्क चक्र की घूमती गति समय, कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है। यह लोकतंत्र के पहिये के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में कार्य करता है जो लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जी20 भी है खास
इस साल की थीम 'वन अर्थ' के तहत जी20 शिखर सम्मेलन का पहला सत्र सुबह 10:30 बजे शुरू हुआ है। जी20 शिखर सम्मेलन की ये बैठक, विभिन्न मंत्रालयों, बैठकों और पूरे वर्ष हुई विभिन्न समूहों की सहभागिता का परिणाम है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर के प्रमुख मुद्दों को संबोधित करना है।