PM Modi France Visit के बीच फिर उठा Rafale में भ्रष्टाचार का मुद्दा, French Media Report के बाद Congress ने माँगा सरकार से जवाब

By नीरज कुमार दुबे | Jul 13, 2023

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वास व्यक्त किया है कि उनकी फ्रांस यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को नयी गति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह फ्रांस की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ विविध विषयों पर विस्तृत चर्चा को लेकर आशान्वित हैं। हालांकि प्रधानमंत्री की यात्रा से ठीक पहले फ्रांस के एक न्यूज पोर्टल मीडियापार्ट की खबर ने राफेल विमान सौदे को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है।


प्रधानमंत्री का विस्तृत बयान


हम आपको बता दें कि फ्रांस रवाना होने से पहले अपने संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी यह यात्रा इस मायने में खास है कि वह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस या बैस्टिल दिवस समारोह में विशिष्ठ अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि बैस्टिल दिवस समारोह में भारतीय सेना के तीनों अंगों की एक टुकड़ी भी हिस्सा ले रही है और भारतीय वायु सेना के विमान भी इसमें शामिल होंगे। प्रधानमंत्री ने दोनों देशों की सामरिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी जड़े गहरे विश्वास और प्रतिबद्धता में निहित है और दोनों देश रक्षा, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था निवेश शिक्षा, संस्कृति, लोगों के बीच सम्पर्क, असैन्य परमाणु क्षेत्र, अंतरिक्ष जैसे विविध क्षेत्रों में करीबी सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’’

इसे भी पढ़ें: France के लिए रवाना हुए PM Modi, कहा- यात्रा से हमारी सामरिक साझेदारी को नयी गति मिलेगी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''मैं इस दीर्घकालिक और 25 वर्षों में समय की कसौटी पर खरे उतरे इस संबंध को और आगे ले जाने को लेकर राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाकात करने और विभिन्न विषयों पर चर्चा करने को आशान्वित हूं।’’ इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फ्रांस और यूएई की यात्रा पर रवाना हुए। उन्होंने कहा कि यात्रा के पहले चरण में प्रधानमंत्री पेरिस जायेंगे जहां वे बैस्टिल दिवस समारोह में विशिष्ठ अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी 13-14 जुलाई को फ्रांस की यात्रा पर रहेंगे। हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर हो रही है। विदेश मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रपति मैक्रों, प्रधानमंत्री के सम्मान में एक राजकीय भोज की मेजबानी करेंगे तथा एक निजी रात्रि भोज भी देंगे। प्रधानमंत्री मोदी का फ्रांस के प्रधानमंत्री तथा वहां की सीनेट एवं नेशनल एसेम्बली के अध्यक्षों से मुलाकात का भी कार्यक्रम है। वह फ्रांस में भारतीय समुदाय के लोगों, भारतीय एवं फ्रांसीसी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा फ्रांस के गणमान्य लोगों से भी संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फ्रांस की यात्रा पूरी करने के बाद 15 जुलाई को अबू धाबी जायेंगे।


कांग्रेस का आरोप


इस बीच, कांग्रेस ने एक बार फिर से राफेल सौदे का मुद्दा उठाते हुए दावा किया कि फ्रांसीसी अधिकारियों ने 2016 में लड़ाकू विमानों की बिक्री में कथित भ्रष्टाचार पर भारत सरकार से जानकारी मांगी थी और कहा कि उसे (सरकार को) “पूर्ण खुलासा” के साथ सामने आना चाहिए। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर “अब चुप नहीं रह सकती”। हम आपको बता दें कि कांग्रेस राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाती रही है और 2019 के लोकसभा चुनावों में उसने इसे एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था। चुनावों में हालांकि पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। उच्चतम न्यायालय ने 14 नवंबर, 2019 को राफेल लड़ाकू विमान सौदे से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं। सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “फ्रांसीसी समाचार एजेंसी मीडियापार्ट 11 जुलाई 2023 को राफेल पर खुलासे की अगली श्रृंखला लेकर आई है। वर्ष 2016 के राफेल सौदे में ‘भ्रष्टाचार’, ‘प्रभाव डालने’ और ‘पक्षपात’ की जांच कर रहे पेरिस न्यायिक प्राधिकरण ने भारतीय अधिकारियों से जांच में सहायता मांगी है।” उन्होंने पूछा, “मोदी सरकार भारत की जनता के सामने इसका खुलासा क्यों नहीं कर रही है? इसे क्यों दबाया जा रहा है? भ्रष्टाचार पर कौन सी कथित जानकारी फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा मांगी जा रही है?” यहां गौर करने वाली बात यह है कि मीडियापार्ट की यह खबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फ्रांस दौरे से पहले आई है।


विदेश मंत्रालय का बयान


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो दिवसीय फ्रांस यात्रा काफी महत्वपूर्ण होगी और आने वाले वर्षों में दोनों देशों के सामरिक गठजोड़ के लिए ‘नये मानदंड’ तय करेगी। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने यह बात कही। प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच बातचीत रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर केंद्रित रहने की उम्मीद है। समझा जाता है कि भारत द्वारा राफेल के नौसेना प्रारूप के 26 विमानों की खरीद के लिए आवश्यक तैयारियां की गयी है ताकि इसकी घोषणा की जा सके। इसके साथ ही विमान के इंजन के संयुक्त विकास से जुड़े सौदे पर भी बात आगे बढ़ सकती है। क्वात्रा ने संवाददाताओं से कहा, ''प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा काफी महत्वपूर्ण होगी और हम समझते हैं कि यह आने वाले वर्षों में दोनों देशों के सामरिक गठजोड़ के लिए ‘नये मानदंड’ तय करेगी।’’ मोदी 14 जुलाई को फ्रांस में बैस्टिल दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि होंगे। इसमें भारतीय सेना के तीनों अंगों की एक टुकड़ी भी हिस्सा ले रही है। इस यात्रा के दौरान फ्रांस के साथ सामारिक, वैज्ञानिक, अकादमिक और आर्थिक सहयोग जैसे विविध क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग का रास्ता तलाशने पर भी चर्चा होगी। इसमें रक्षा, अंतरिक्ष, कारोबार एवं निवेश के क्षेत्र शाामिल हैं। बैस्टिल दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की 269 सदस्यीय तीनों सेनाओं की टुकड़ी दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों में सवार होकर बृहस्पतिवार को पेरिस के लिए रवाना हुई थी। इसमें फ्रांसिसी लड़ाकू विमानों के साथ भारतीय वायु सेना के कम से कम तीन राफेल लड़ाकू विमान भी हिस्सा लेंगे।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय फ्रांस यात्रा पूरी करने के बाद लौटते समय 15 जुलाई को अबू धाबी जायेंगे। क्वात्रा ने हाल ही में फ्रांस के कई शहरों में हिंसक घटनाओं को उस देश का आंतरिक मामला बताया और कहा कि इसका इस यात्रा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मोदी-मैक्रों वार्ता के आयामों के बारे में कोई विशिष्ट जानकारी देने से इंकार करते हुए विदेश सचिव ने कहा कि चर्चा में सैन्य उपकरणों का सह उत्पादन, सह विकास और मिलकर डिजाइन तैयार करने से जुड़ना और इसे भारत की आत्मनिर्भरता की प्राथमिकताओं से जोड़ना शामिल हो सकता है। महाराष्ट्र के जैतापुर में 1650 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा संयंत्र के बारे में उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष असैन्य परमाणु जवाबदेही, लागत एवं वाणिज्यिक तकनीकी मामलों सहित सभी मुद्दों के समाधान के लिए गहन चर्चा कर रहे हैं। समझा जाता है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) प्रमुख रक्षा सौदों को मंजूरी दे सकती है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री मोदी की पेरिस यात्रा के दौरान किये जाने की उम्मीद है। राफेल और विमानों के इंजन से जुड़ी परियोजना के अलावा डीएसी तीन अतिरिक्त स्कार्पिन पनडुब्बी खरीद को भी मंजूरी दे सकती है।


सूत्रों ने बताया कि विभिन्न देशों के साथ भारत के रक्षा सहयोग के ‘संदर्भ ढांचे’ में बदलाव आया है और ‘मेक इन इंडिया’ पहल पर जोर दिया गया है। ऐसे में फ्रांस भी इसका अनुसरण करेगा। बृहस्पतिवार को मोदी का फ्रांस की सीनेट के अध्यक्ष गरार्ड लार्चर, प्रधानमंत्री लिसाबेथ बार्न से मिलने और भारतीय समुदाय को संबोधित करने का कार्यक्रम है। शाम में राष्ट्रपति मैक्रों, प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में निजी रात्रि भोज की मेजबानी करेंगी। शुक्रवार को बैस्टिल दिवस समारोह में शामिल होंगे तथा फ्रांस के नेशनल एसेम्बली के अध्यक्ष याल ब्राउनपिवेट से मिलेंगे। उनका कई नेताओं एवं कारोबारियों से मिलने का भी कार्यक्रम है। शुक्रवार को ही एलिसी पैलेस में प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक स्वागत किया जायेगा और इसके बाद मोदी एवं मैक्रों के बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता होगी। दोनों नेता भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में भी हिस्सा लेंगे। क्वात्रा ने बताया कि दोनों नेता सामरिक गठजोड़ के महत्वपूर्ण स्तम्भों की समीक्षा करेंगे जिसमें सुरक्षा, असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी, आतंकवाद से मुकाबला, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष, जलवायु परिवर्तन आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि दोनों नेता अंतरिक्ष में नये क्षेत्रों में सहयोग के रास्ते तलाश कर सकते हैं। भारत पहले ही वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीद चुका है। भारतीय नौसेना स्वदेश में निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए डेक-आधारित 26 लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रही है।


रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाते हुए फ्रांसिसी पक्ष और सहयोगी मडगांव डॉक लिमिटेड अब तीन अतिरिक्त स्कार्पिन पनडुब्बी के आर्डर को लेकर आशान्वित हैं। रक्षा मंत्रालय विमान इंजन के संयुक्त विकास के लिए फ्रांसिसी कंपनी साफरान के साथ बातचीत कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय फ्रांस यात्रा पूरी करने के बाद लौटते हुए 15 जुलाई को अबू धाबी जायेंगे जहां वे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नह्यान के साथ ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों पर द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने के लिए वार्ता करेंगे। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, ''भारत-यूएई की समग्र सामरिक साझेदारी सतत रूप से मजबूत हो रही है और प्रधानमंत्री की यात्रा ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सुरक्षा, फिनटेक, रक्षा और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में इसे गहरा बनाने के रास्ते तलाशने का अवसर प्रदान करेगी।’’ इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री की इस यात्रा से दोनों पक्षों को वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को लेकर चर्चा करने का अवसर मिलेगा जो खासतौर पर सीओपी-28 की यूएई की अध्यक्षता और जी20 की भारत की अध्यक्षता के परिप्रेक्ष्य में अहम है। यूएई जी20 सम्मेलन में विशेष आमंत्रित देश है।

प्रमुख खबरें

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार, अधिकतम तापमान 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज

Delhi air pollution: AQI फिर से ‘गंभीर’ स्तर पर, राष्ट्रीय राजधानी में शीतलहर का कहर जारी

केरल : आंगनवाड़ी के करीब 10 बच्चे भोजन विषाक्तता की वजह से बीमार

Mohali building collapse: मोहाली में गिरी इमारत, मचा हड़कंप, दो की हुई मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी