By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 07, 2020
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अस्थायी जेल से उनके आवास स्थानांतरित कर दिया गया है हालांकि जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत वह अब भी हिरासत में ही रहेंगी। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मुफ्ती को स्थानांतरित किए जाने का आदेश जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने जारी किया है। 60 वर्षीय मुफ्ती को पिछले साल पांच अगस्त को एहतियातन हिरासत में रखा गया था लेकिन बाद में छह फरवरी को उनके खिलाफ सख्त पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया। आदेश में कहा गया कि उन्हें मौलाना आजाद रोड की जेल से ‘‘फेयरव्यू गुपकर रोड” स्थानांतरित किया जा रहा है जो उनका आधिकारिक आवास है। इसमें बताया गया कि मुफ्ती को स्थानांतरित किए जाने से पहले प्रशासन ने उनके आधिकारिक आवास को तत्काल प्रभाव से अधीनस्थ जेल का दर्जा दे दिया।
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इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को मांग की कि पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जाए। उन्होंने कहा कि मुफ्ती को हिरासत में रखते हुए उनके आवास में स्थानांतरित करना उनको आजाद करने की जिम्मेदारी से बचना है। जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में ली गईं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को मंगलवार को अस्थायी जेल से यहां गुपकर रोड स्थित उनके ‘फेयरव्यू’ आवास में स्थानांतरित कर दिया गया। उमर ने ट्वीट कर कहा, “महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जाना चाहिए। उनकी हिरासत बरकरार रखते हुए उन्हें उनके घर में स्थानांतरित करना बस उनको रिहा करने से बचना है।”
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जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) के मुख्य प्रवक्ता जुनैद आजिम मट्टू ने कहा कि मुफ्ती को अब भी हिरासत में रखना, जेकेपीसी के प्रमुख सज्जाद लोन को नजरबंद करना और मुख्यधारा के अन्य नेताओं को रिहा नहीं किया जाना “निरंकुशता” है। उन्होंने ट्विटर पर कहा, “जेकेपीसी के अध्यक्ष सज्जाद लोन और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती तथा मुख्यधारा के वरिष्ठ नेताओं को लगातार हिरासत में रखा जाना निरंकुशता है। वे आठ महीने से ज्यादा वक्त से हिरासत में हैं- जहां न मीडिया को जाने दिया जा रहा है और न ही उनके सहयोगी एवं रिश्तेदार उन तक पहुंच पा रहे हैं।”