By नीरज कुमार दुबे | Aug 13, 2024
भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक में भाजपा के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार तथा राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी के कामकाज में सुधार जैसे विषयों पर चर्चा की गयी है। बताया जा रहा है कि यह बैठक रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री और वर्तमान में भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह (महासचिव) दत्तात्रेय होसबाले और भाजपा तथा संघ के बीच समन्वयक की भूमिका निभा रहे अरुण कुमार शामिल हुए। हम आपको बता दें कि भाजपा और संघ नेताओं की यह महत्वपूर्ण बैठक ऐसे समय हुई है जब इस माह के अंत में केरल में आरएसएस अपने सभी आनुषांगिक संगठनों के साथ समन्वय बैठक करने वाला है। माना जा रहा है कि अगस्त माह के अंत में होने जा रही संघ की इस बैठक से पहले ही भाजपा को नया अध्यक्ष मिल सकता है।
जहां तक राजनाथ सिंह के आवास पर भाजपा और संघ नेताओं के बीच पांच घंटे तक चली बैठक की बात है तो इसके बारे में बताया जा रहा है कि भाजपा अध्यक्ष पद के लिए कई नामों पर चर्चा की गयी। संघ चाहता है कि नया अध्यक्ष जमीन से जुड़ा नेता होना चाहिए। संघ की यह भी इच्छा है कि भाजपा का अध्यक्ष कोई ओबीसी हो या किसी महिला को इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जाये। हम आपको बता दें कि अपने गठन के बाद से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अब तक कोई महिला नहीं विराजमान हुई है। पिछले वर्ष सरकार ने नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित कराया था और अगले लोकसभा चुनावों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण भी मिलेगा, इसलिए संघ की चाहत है कि भाजपा का नेतृत्व कोई महिला ही करे। बताया जा रहा है कि इस बैठक में उन नामों पर भी चर्चा हुई जिन्हें इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है मगर उन्हें पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपे जाने की तैयारी की जा रही है। इस तरह की भी चर्चा है कि संघ में कार्य कर रहे कुछ लोग भाजपा में काम देखने के लिए भेजे जा सकते हैं। हम आपको बता दें कि हालिया संपन्न लोकसभा चुनावों के दौरान यह बात उभर कर आई थी कि संघ और भाजपा के बीच समन्वय की कमी थी। भाजपा और संघ के नेताओं के बयानों से भी इस तरह के संकेत मिले थे कि सब कुछ सहज नहीं है। भाजपा चूंकि इस बार लोकसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत से पीछे रह गयी है इसलिए संघ चाहता है कि अब कोई कड़ी कमजोर नहीं रहे।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में भाजपा और संघ के संबंधों से लेकर आगामी राज्य विधानसभा चुनावों से लेकर बांग्लादेश संकट तक कई मुद्दों पर चर्चा हुई। हम आपको बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की खबरों पर आरएसएस ने लगातार चिंता जाहिर की है। हाल ही में विश्व हिंदू परिषद के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर गृह मंत्री से मुलाकात भी की थी। नेताओं ने बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार के प्रयासों पर भी चर्चा की। दरअसल, बांग्लादेश की स्थिति संघ के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, इसलिए इस पर विस्तार से चर्चा की गई। संघ के एक पदाधिकारी ने इस विषय पर कहा है कि बांग्लादेश में सिर्फ अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा नहीं है। यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मामला है। वहां सत्ता परिवर्तन का असर हमारी सीमाओं व हमारी आंतरिक सुरक्षा पर पड़ सकता है। साथ ही इसकी छाया हमारी घरेलू सामाजिक-राजनीति पर भी पड़ सकती है। इसलिए हम इस मुद्दे पर चिंतित हैं।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में नेताओं ने पार्टी-संघ संबंधों को और बेहतर बनाने के तरीकों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। भाजपा में संभावित बदलावों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के अलावा बैठक में केरल में होने वाली आरएसएस की समन्वय बैठक के बारे में भी चर्चा हुई। इसके अलावा बताया जा रहा है कि संघ ने भाजपा को यह फीडबैक दिया है कि पेपर लीक जैसे मुद्दे सामाजिक अशांति पैदा करते हैं इसलिए इसका हल निकाले जाने की जरूरत है। हम आपको याद दिला दें कि आरएसएस से जुड़े संगठनों ने हाल ही में नीट पेपर लीक मुद्दे को उठाते हुए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के कामकाज में सुधार का आह्वान किया था। बहरहाल, भाजपा की ओर से इस बैठक के बारे में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। पार्टी सूत्रों ने इस बैठक को नियमित बैठक बताया है। लेकिन जिस तरह संसद सत्र समाप्त होने के बाद वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों ने पांच घंटे तक पार्टी संगठन से जुड़े मुद्दों पर संघ के साथ चर्चा का समय निकाला उससे यह तो प्रदर्शित हो ही रहा है कि भाजपा की ओर से जल्द कई बड़ी घोषणाएं होने वाली हैं।