By कमलेश पांडे | Sep 16, 2024
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने युवाओं के कल्याण के लिए पीएम पैकेज के तहत पांच योजनाएं संचालित करने की घोषणा की है, जिन पर दो लाख करोड़ रुपए खर्च किये जायेंगे। लेकिन ये कहां और कैसे खर्च किये जायेंगे, इस बात की पूरी जानकारी हम यहां पर आपको देंगे। उल्लेखनीय है कि गत 23 जुलाई को संसद के पटल पर आम बजट 2024 प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि देश में शिक्षा, रोजगार और कौशल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण आवंटन किया गया है, जिससे पीएम पैकेज की पांच स्कीमें संचालित होंगी।
वहीं, उन्होंने महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जिससे शैक्षिक बुनियादी ढांचे में सुधार लाने, नौकरी के अवसर पैदा करने और पूरे देश में कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ाने की उम्मीद है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पीएम पैकेज पांच मुख्य स्कीम को दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य युवाओं को स्किल्ड बनाना है। इसके लिए 2 लाख करोड़ रुपए का फंड आवंटित किया जा चुका है, जिसमें से इस वर्ष 1.48 लाख करोड़ शिक्षा, रोजगार और स्किलिंग के लिए खर्च किया जाएगा।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत 23 जुलाई 2024 को लगातार सातवीं बार बजट पेश कर पूर्व वित्त मंत्री मोरारजी देसाई (पूर्व प्रधानमंत्री) का रिकॉर्ड तोड़ दिया। साथ ही बजट में सरकार से सैलरीड युवाओं से लेकर गरीबों तक को जो कुछ तोहफे की उम्मीद थी, उसे उन्होंने बारी-बारी से पूर्ण किया। उन्होंने दो टूक कहा कि युवा, महिला, गरीब और किसानों के कल्याण के लिए कई घोषणाएं की गई हैं, जिसमें नौकरियों को लेकर भी काफी फोकस रहा। उस दौरान उन्होंने 5 योजनाओं के लिए प्रधानमंत्री पैकेज का ऐलान किया, उसमें 1 नई योजना आईटीआई (ITI ) छात्रों के लिए रही।
तो आइये जानते हैं पीएम पैकेज की पांच योजनाओं के बारे में-
पहला, पहली बार काम करने वालों के लिए बनी योजना के तहत सभी औपचारिक क्षेत्रों में कार्यबल में नए प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों को एक महीने का वेतन केंद्र सरकार प्रदान करेगी। इसको ईपीएफओ में रजिस्टर्ड पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को एक महीने के वेतन का तीन किस्तों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) होगा, जो 15,000 रुपये तक होगा। डीबीटी का मतलब लाभार्थी के खाते में रकम का सीधा ट्रांसफर होता है, जिसकी पात्रता सीमा 1,00,000 रुपये प्रति माह वेतन होगी। इस योजना से 2.1 करोड़ युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। वहीं सरकार रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन के लिए तीन योजनाएं लागू करेगी।
दूसरा, मैन्युफैक्चरिंग में रोजगार योजना के तहत केंद्र सरकार पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के रोजगार से जुड़े विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार (मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर) को प्रोत्साहित करेगी। जिसके लिए रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ योगदान के संबंध में कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों को सीधे प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इस योजना से रोजगार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं को लाभ होने की उम्मीद है। यह फायदा भविष्य निधि यानी पीएफ में एक महीने के योगदान के रूप में होगा। वहीं, एमएसएमई सेक्टर के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत नौ हजार करोड़ रुपये का फंड बनाने का एलान हुआ है।
तीसरा, नौकरी देने वाले को सहायता योजना के तहत एम्प्लॉयर फोकस्ड योजना सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को कवर करेगी। इसके तहत प्रति माह 1 लाख रुपये तक का वेतन पाने वाले सभी अतिरिक्त रोजगार को गिना जाएगा। इसका सीधा तातपर्य यह है कि 1 लाख रुपये तक या उससे कम वेतन के कर्मचारियों को नौकरी देने पर सरकार कंपनी को मदद देगी। सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए ईपीएफओ कंट्रीब्यूशन के लिए एम्प्लॉयर्स को 2 साल तक प्रति माह 3,000 रुपये तक की प्रतिपूर्ति करेगी, जिससे 50 लाख लोगों को अतिरिक्त रोजगार मिलने की उम्मीद है।
चतुर्थ, कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी योजना के तहत उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिला छात्रावासों की स्थापना और बालगृहों की स्थापना के माध्यम से कार्यबल में महिलाओं की उच्च भागीदारी की सुविधा प्रदान करेगी। इसके अलावा, साझेदारी महिलाओं के लिए विशिष्ट कौशल कार्यक्रम आयोजित करने के रूप में महिलाओं के लिए बाजार पहुंच को बढ़ावा देने का प्रयास करेगी। वहीं, रोजगार से महिलाओं को जोड़ने की योजना के तहत महिला कौशल कार्यक्रम को प्रोत्साहित किया जाएगा।
पांचवां, केंद्र प्रायोजित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री पैकेज के रूप में राज्य सरकार और उद्योग जगत के सहयोग से कौशल विकास की योजना बनी है, जिसके मार्फत पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं को कुशल बनाया जाएगा। इसके वास्ते 7.5 लाख रुपये तक के लोन की सुविधा के लिए मॉडल कौशल लोन योजना को संशोधित किया जाएगा। वहीं, कौशल प्रयासों को बढ़ावा देने के हिस्से के रूप में, 1,000 आईटीआई को हब-एंड-स्पोक मॉडल पर अपग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। वहीं, पाठ्यक्रम, सामग्री और डिजाइन को उद्योग की कौशल आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जाएगा। साथ ही उभरती जरूरतों के लिए नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इस योजना से हर साल 25,000 छात्रों को मदद मिलने की उम्मीद है।
कहना न होगा कि यदि ये योजनाएं अपने असली स्वरूप में सरजमीं पर उतर गईं तो न केवल आमलोगों का भला होगा, बल्कि सरकार का विकसित भारत का सपना भी जल्द ही पूरा हो जाएगा। क्योंकि नवोन्मेष में भारत के प्रतिभाओं का कोई सानी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसे समझते हैं और तदनुरूप व्यवस्था बनाने की भगीरथ प्रयत्न करने से भी नहीं हिचकते हैं।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार