By डॉ. रमेश ठाकुर | Sep 22, 2022
‘मचान’ फेम अभिनेत्री रिचा कालरा की अगले महीने ‘आ भी जा ओ पिया’ फ़िल्म रिलीज हो रही है। हाल में उनका एक गाना ‘बादलों में चांद और तेरे बिन’ रिलीज हुआ जिसे टी-सीरीज़ और ज़ी संगीत ने जारी किया। इससे पहले भी उन्होंने कई एलबमों, फीचर फिल्मों और थियेटर में काम करके दर्शकों का ध्यान अपनी एक्टिंग की तरफ आकर्षित कराया। रिचा कालरा की अभी तक की फिल्मी यात्राओं एवं भविष्य की योजनाओं पर डॉ. रमेश ठाकुर ने उनसे दिल्ली में बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश-
प्रश्नः किस तरह की स्टोरी पसंद हैं आपको?
उत्तर- गंभीर और ज्वलंत मुद्दों की कहानी पसंद करती हूं, दरअसल ऐसे सब्जेक्ट समाज में बदलाव रूपी संदेश देते हैं। मेरी ‘मचान मूवी’ भी ऐसी ही थी, जिसने एड्स पर जागरूकता, स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ और बेटी शिक्षा जैसे सामाजिक विषयों के लिए लोगों को चेताया था। जो एयरटेल एक्सस्ट्रीम, जियो सिनेमा, शेमारू जैसे विभिन्न ओटीटी प्लेटफार्मों पर रिलीज हुई। मचान को टाटा स्काई, एयरटेल, डीटीएच और वीडियोकॉन पर भी दर्शकों ने पसंद किया।
प्रश्नः अभी किन प्रोजेक्टों पर काम कर रही हैं आप?
उत्तर- अगले माह 7 अक्टूबर को मेरी ‘आ भी जा ओ पिया’ मूवी रिलीज हो रही है। हाल में टी-सीरीज द्वारा एक गाना जारी हुआ जिसे काफी सराहा गया। इसके अलावा दो तेलुगु फिल्में रिलीज के लिए तैयार हैं। बाकी कुछ अनाम फिल्मों की शूटिंग जारी है।
प्रश्नः इंडस्ट्री में कैसे आना हुआ?
उत्तर- शौक बचपन से ही था। विशेषकर मेरी मम्मी का। उनके कहने पर ही मैंने कथक सीखा और एक्टिंग का कोर्स किया। लोग मुझे शुरू से हीरोइन मटेरियल बोलते थे। फिल्मों में जाने की सलाह देते थे। जब मायानगरी पहुंची तो मुझे पता चला फिल्म इंडस्ट्री क्या होती है, ग्लैमर क्या होता है और ग्रूमिंग क्या होती है। फिल्मों से पहले मैंने थिएटर करके एक्टिंग की एबीसीडी ठीक से जान ली थी। शुरुआती शिक्षा झारखंड के डीएवी पब्लिक स्कूल हजारीबाग से करने के बाद ग्रेजुएशन दिल्ली के दौलत राम कॉलेज से किया। एक्टिंग की शिक्षा रास थिएटर ग्रुप से की है।
प्रश्नः सब्जैक्ट के हिसाब से अगर बिकनी पहननी पड़े तो?
उत्तर- बिकनी पहनने में कोई गुरेज नहीं? चरित्र की कहानी अगर बिकनी पहनने से पूरी होती है तो मुझे भी कोई दिक्कत नहीं? अभिनेत्री की प्राथमिकता छोटे कपड़ों को पहनने में नहीं, बल्कि उनके कंफर्ट जोन पर निर्भर होनी चाहिए। फिलहाल बिलावजह बिकनी पहनने से परहेज करूंगी।
प्रश्नः क्या ओटीटी के चलन से बदल जाएगा सिनेमा का भविष्य?
उत्तर- ओटीटी दर्शकों को सब कुछ उनके घरों में ही परोस रहा है। ऐसे लोग जो व्यस्तता के चलते सिनेमाघरों में नहीं पहुंच पाते उनके लिए ओटीटी बेहतर प्लेटफार्म है। बाकी दर्शकों की पसंद पर निर्भर करता है वह क्या देखना पसंद करेंगे। जहां तक भविष्य की बात है तो बदलाव प्रकृति का नियम है।
प्रश्नः सुना है आपको एक्टिंग से ज्यादा सिंगिंग पसंद है?
उत्तर- बिल्कुल सही सुना। मैं अभिनेत्री नहीं बनती तो गायिका ही बनती। तय किया हुआ था अगर एक्टिंग में कुछ अच्छा नहीं कर पाई, तो सिंगर बनूंगी, क्योंकि गाना गाने में मेरी दिलचस्पी शुरू से ही रही। पर, शायद किस्मत में अभिनेत्री बनना ही था। दर्शकों का प्यार मिल रहा, सब कुछ अच्छा चल रहा है।
-डॉ. रमेश ठाकुर