By अंकित सिंह | Jul 20, 2021
केंद्र सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार होने के बाद जल्द ही उत्तर प्रदेश में भी मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। माना जा रहा है कि हाल में भाजपा और संघ के बीच लखनऊ में हुई बैठक के बाद नामों को फाइनल कर लिया गया है। अगर यह मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार की यह तीसरी विस्तार होगी। इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व से भी भाजपा को हरी झंडी दे दी गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल राष्ट्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर चुके हैं। इसके अलावा विधान परिषद के लिए भी नामित किए जाने वाले एमएलसी के नामों पर भी मंथन किया गया है। योगी सरकार का यह मंत्रिमंडल विस्तार जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को संतुलित करने पर ज्यादा केंद्रित रह सकता है। आपको बता दें कि प्रदेश में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
वर्तमान में देखें तो योगी मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री हैं जबकि 9 स्वतंत्र प्रभार और 22 राज्य मंत्री हैं। कुल मंत्रियों की संख्या 54 हो रही है। ऐसे में अभी भी 6 पद खाली हैं। माना जा रहा है कि इन 6 पदों को भरने के लिए ही मंत्रिमंडल विस्तार होगा। अगर किसी को मंत्रिमंडल से नहीं हटाया जाता है तो सिर्फ 6 नए मंत्री ही बनाए जा सकते हैं। हालांकि चर्चा यह भी है कि कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल से बाहर कर संगठन में भेजा जा सकता है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आखिर योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में किसे मौका दिया जाता है। माना जा रहा है कि हाल में ही भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद को योगी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार में योगी आदित्यनाथ चार मंत्रियों को हटा सकते हैं। उन मंत्रियों पर गाज गिर सकती है जिनकी उम्र ज्यादा हो गई है या फिर उनके कामकाज की रिपोर्ट ठीक नहीं है। मानसून सत्र से पहले यह विस्तार कर लिया जाएगा। ओबीसी और ब्राह्मणों को साधने पर सबसे ज्यादा जोर रहेगा। आपको बता दें कि योगी सरकार 19 मार्च 2017 को सत्ता में आई थी। 22 अगस्त 2019 को दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार किया गया था।