By नीरज कुमार दुबे | Dec 24, 2024
साल 2024 देश दुनिया के लिए कई अहम घटनाओं से भरा रहा। राजनीतिक तौर पर देखें तो दुनिया के कई देशों में सरकारें बदल गयीं तो कई देशों में सत्तारुढ़ दलों को बड़ा झटका लगा। महंगाई, बेरोजगारी के साथ ही दुनिया तमाम तरह के द्वंद्वों से भी जूझती रही। शांति को तरजीह देने की बात करने वाले इस विश्व में जहां इस साल और संघर्ष बढ़े वहीं मौसम ने भी ऐसा तपाया कि दुनिया में यह वर्ष सबसे ज्यादा गर्म के तौर पर दर्ज हो गया। भारत में साल की शुरुआत में हिट हुआ अबकी बार 400 पार का नारा तो चुनावों में पिट गया लेकिन साल के अंत में सामने आया बंटेंगे तो कटेंगे नारे को लोगों का जोरदार समर्थन मिला है। आइये एक नजर डालते हैं बीत रहे साल 2024 की बड़ी घटनाओं पर।
नरेंद्र मोदी
भारत की दृष्टि से देखें तो यह साल इसलिए अहम रहा क्योंकि पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद नरेंद्र मोदी के रूप में कोई प्रधानमंत्री लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आया। हालांकि लोकसभा चुनावों में भाजपा अपने बलबूते सत्ता हासिल करने से चूक गयी लेकिन जनता ने उसके नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को शासन करने के लिए स्पष्ट जनादेश दिया। भाजपा का 'अबकी बार 400 पार' का नारा पूरी तरह विफल रहा और उसे सरकार चलाने के लिए चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी और नीतीश कुमार की जनता दल युनाइटेड के समर्थन पर निर्भर रहना पड़ेगा। विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल दलों का लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन रहा। खासतौर पर कांग्रेस ने एक दशक में अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 99 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की।
राहुल गांधी
साल 2024 कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए बेहद खास रहा। पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट पर चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, वहीं इस बार वह केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से रिकॉर्डतोड़ मतों से जीते। अमेठी में गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा ने भाजपा की स्मृति ईरानी को हरा दिया। बाद में राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़कर रायबरेली की सांसदी बरकरार रखी। राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता बनाये गये जोकि उनके राजनीतिक जीवन में अब तक का सबसे बड़ा पद रहा।
अरविंद केजरीवाल
इस साल लोकसभा चुनावों से ठीक पहले शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी बड़ी राजनीतिक घटना रही। उन्होंने इस्तीफे की मांग को दरकिनार करते हुए जेल से सरकार चलाने का रिकॉर्ड भी बनाया। हालांकि जमानत मिलने पर बाहर आये केजरीवाल ने अपना इस्तीफा देकर आतिशी को मुख्यमंत्री बना दिया। दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल को फिर से नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है।
ओडिशा की राजनीति
लोकसभा चुनावों के साथ हुए ओडिशा के विधानसभा चुनावों में इस बार बड़ा फेरबदल देखने को मिला। ओडिशा की सत्ता पर दो दशक से ज्यादा समय से काबिज नवीन पटनायक की बीजू जनता दल को इस बार हार का सामना करना पड़ा। खुद दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने वाले नवीन पटनायक एक सीट पर चुनाव हार गये। ओडिशा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार जीत हासिल करते हुए राज्य में सरकार बनाई।
आंध्र प्रदेश में सत्ता परिवर्तन
2024 में आंध्र प्रदेश में भी सत्ता परिवर्तन हुआ। लोकसभा चुनावों के साथ ही कराये गये आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में टीडीपी-जन सेना और भाजपा के गठबंधन ने कमाल कर दिखाया और अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। चंद्रबाबू नायडू राज्य के मुख्यमंत्री और जन सेना के पवन कल्याण उपमुख्यमंत्री बनाये गये।
हरियाणा विधानसभा चुनाव
लोकसभा चुनावों के ठीक बाद हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले रहे। कांग्रेस के पक्ष में आंधी होने की खबरों के बीच भाजपा का लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटना राजनीतिक रूप से तो ऐतिहासिक रहा ही साथ ही इन परिणामों ने निराश महसूस कर रही भाजपा में नई जान फूंक दी। हरियाणा चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बंटेंगे तो कटेंगे का जो नारा दिया उससे हिंदू समुदाय भाजपा के पक्ष में एकजुट हो गया और इसका असर महाराष्ट्र में भी दिखाई दिया।
महाराष्ट्र के सत्ता समीकरण
महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले रहे। खास बात यह रही कि लोकसभा चुनाव में जहां महाराष्ट्र में महायुति को निराशा हाथ लगी थी तो वहीं विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने दिल खोलकर भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति को अपना समर्थन दिया। महाराष्ट्र में लगातार तीसरी बार भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। इस बार देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री और एकनाथ शिंदे तथा अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने।
झारखंड के नतीजों ने चौंकाया
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए साल 2024 बेहद उतार-चढ़ाव वाला साबित हुआ। साल 2024 में उनकी गिरफ्तारी हुई। उन्होंने अपनी जगह चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया। जमानत मिलने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर वापसी की तो चंपई सोरेन उनका साथ छोड़कर भाजपा में चले गये। इस साल विधानसभा चुनावों में उनके नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला और वह एक बार फिर मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहले चुनाव
जम्मू-कश्मीर में भी इस साल विधानसभा के चुनाव कराये गये। यह चुनाव इस मायने में ऐतिहासिक रहे कि उम्मीदवारों की तो रिकॉर्ड संख्या रही ही साथ ही मतदाताओं ने भी लोकतंत्र के उत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लिया। एक दशक बाद हुए राज्य विधानसभा चुनावों में नेशनल कांफ्रेंस ने शानदार जीत हासिल की और उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बने।
प्रियंका गांधी वाड्रा की नई पारी
यह साल गांधी परिवार के लिए काफी खास रहा क्योंकि जहां लोकसभा चुनावों से पहले सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा की सदस्यता हासिल की वहीं राहुल गांधी दो लोकसभा सीटों से चुनाव जीतने में सफल रहे। इसके अलावा, नेहरू-गांधी परिवार की एक अन्य सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा भी संसदीय राजनीति में प्रवेश करने में सफल रहीं। लोकसभा चुनाव में दो सीटों से जीत हासिल करने के बाद जब राहुल गांधी ने वायनाड को छोड़ दिया तो वहां हुए उपचुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा ने जीत हासिल की और पहली बार लोकसभा पहुँचीं।
राम लला की प्राण प्रतिष्ठा
साल 2024 की सबसे प्रमुख घटना 22 जनवरी को हुई जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गयी। इस दौरान पूरा देश राममय हो गया था और दुनिया के हर कोने में मौजूद सनातनी जश्न मनाते दिखे। शंखनाद और मंत्रोच्चार के बीच रामलला अपने भव्य गर्भगृह में विराजमान हुए तो लगा कि त्रेता युग लौट आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष मुहूर्त में भगवान राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की।
पेपर लीक के मामले सामने आये
इस साल पेपर लीक के कई मामले सामने आये। परीक्षा परिणामों में गड़बड़ी के मामले भी सामने आये जिससे छात्रों के बीच रोष देखा गया और देशव्यापी प्रदर्शन भी हुए। खासतौर पर NEET (UG) 2024 के परिणाम को लेकर काफी विवाद हुआ और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचा। इसके अलावा यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल, यूपी समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी, राजस्थान दरोगा भर्ती आदि कई परीक्षाओं के दौरान पेपर लीक की घटनाओं ने व्यापक तौर पर असंतोष पैदा किया।
जम्मू में आतंकी हमले
इस साल जून में जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर हमला कर दिया, जिसमें नौ लोग मारे गए और 33 घायल हो गए। इसके अलावा भी जम्मू क्षेत्र में आतंक की कई घटनाएं देखने को मिलीं।
वायनाड में तबाही
जुलाई महीने में केरल के वायनाड में भारी बारिश के चलते कई जगहों पर भूस्खलन हुआ, जिसमें चार गांव- मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा पूरी तरह बह गए। इस घटना में सैंकड़ों लोगों की जान चली गई।
कोलकाता की हृदय विदारक घटना
इस साल कोलकाता से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त की रात को एक ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था। डॉक्टर के शरीर पर चोट के निशान थे। जांच में पता चला कि डॉक्टर से बलात्कार के बाद हत्या की गई। इस घटना को लेकर देशभर में डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।
हाथरस में भगदड़
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में जुलाई महीने में एक धार्मिक आयोजन के दौरान मची भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 150 से अधिक लोग घायल हो गए थे। घटना के बाद भोले बाबा नाम के व्यक्ति को न्यायिक आयोग के सामने पेश किया गया था।
संघर्षों में उलझी दुनिया
वैश्विक स्तर पर देखें तो इस साल रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास युद्ध तो चलता ही रहा साथ ही इजराइल-ईरान, इजराइल-लेबनान के बीच भी जमकर संघर्ष हुआ। इजराइल ने हमास और हिज्बुल्ला के शीर्ष नेतृत्व को पूरी तरह खत्म कर दिया। सीरिया में भी बशर अल असद का शासन खत्म हुआ। इसके अलावा, महंगाई तथा अन्य मुद्दों पर नाराजगी के चलते जनता ने ब्रिटेन की ऋषि सुनक सरकार को सत्ता से हटा दिया। वहीं अमेरिका में सत्तारुढ़ दल की उम्मीदवार कमला हैरिस की बजाय जनता ने विपक्षी उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को एक बार फिर राष्ट्रपति चुन लिया। साथ ही बोत्सवाना, पुर्तगाल, पनामा और दक्षिण कोरिया की सरकारों को भी जनता ने बदल दिया। इसके अलावा, फ्रांस, जर्मनी, जापान और भारत में सत्तारुढ़ दलों को चुनावी झटके लगे। एकमात्र रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ही दुनिया में ऐसे राजनेता रहे जोकि रिकॉर्डतोड़ मतों से जीत कर अपनी सत्ता बरकरार रखने में सफल रहे।
भारत के पड़ोसी देशों का हाल
इसके अलावा, भारत के पड़ोस में देखें तो चुनावों के बाद जहां पाकिस्तान और श्रीलंका में नई सरकार बनी वहीं नेपाल में प्रचंड की सरकार गिरने के बाद केपी शर्मा ओली नये प्रधानमंत्री बने। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार को विरोध प्रदर्शनों के आगे घुटने टेकने पड़े और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना अगस्त माह से ही भारत में रह रही हैं। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बने।
अर्थव्यवस्था का मोर्चा
भारत की अर्थव्यवस्था इस साल भी तेजी से आगे बढ़ती रही और शेयर बाजार नई ऊँचाइयों पर पहुँचे। अर्थ जगत की बड़ी घटनाओं को देखें तो मुकेश अंबानी के बेटे की शादी में देश-दुनिया की तमाम चर्चित हस्तियां जुटने से यह साल भर चर्चा में रही। इसके अलावा उद्योगपति गौतम अडाणी भी साल भर चर्चा में रहे। साल की शुरुआत में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई जिसके चलते यह समूह राजनीतिक विवादों के केंद्र में रहा तो साल के अंत में अमेरिकी कोर्ट में मुकदमे के चलते अडाणी समूह एक बार फिर सुर्खियों में आया। इसके अलावा देश के रतन माने जाने वाले टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा का निधन इस साल की सबसे बड़ी घटनाओं में शुमार रही।
खेल और सिनेमा जगत
साल 2024 की बड़ी खेल खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि इस साल टीम इंडिया ने टी20 विश्व कप अपने नाम किया। इस साल हुए पेरिस ओलंपिक में भारत ने 6 पदक जीते। हालांकि भारत के हाथ ओलंपिक में एक भी गोल्ड नहीं आया। पेरिस ओलंपिक में विनश फोगाट के अयोग्य साबित होने के चलते भारत के हाथ से एक मेडल फिसल भी गया था। यह साल फिल्म जगत के कई सितारों के लिए खासा अहम रहा। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत, अभिनेता अरुण गोविल और सुरेश गोपी पहली बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुँचे तो वहीं मनोज तिवारी, हेमा मालिनी और रवि किशन ने एक बार फिर चुनाव जीतकर संसद में कदम रखा। मलयाली अभिनेता सुरेश गोपी तो केंद्र में राज्यमंत्री भी बनाये गये हैं।
बहरहाल, बीतते साल में जिस तरह कई पुरातन मंदिरों का पता चला है और लोग अपनी विरासत को सहेजने के लिए आतुर हो रहे हैं वह आने वाले साल में राजनीति की दशा दिशा बदल सकता है। देखना होगा कि आने वाले समय में भारत और विश्व की राजनीति क्या करवट लेती है।
-नीरज कुमार दुबे