By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 22, 2024
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विभाग को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने नियुक्ति और कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव से आउटसोर्सिंग और संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों का ब्यौरा मांगा है।
पत्र में केशव मौर्य ने उल्लेख किया है कि उन्होंने 11 अगस्त 2023 को विधान परिषद में इस मुद्दे को उठाया था और अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने की मांग की थी। हालांकि, 16 अगस्त 2023 को प्राप्त उत्तर में अपेक्षित जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई, जिसके कारण मौर्य ने फिर से पत्र लिखा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी विभागों से कर्मचारियों की सूची एकत्र करके प्रस्तुत करें, ताकि समुचित अवलोकन किया जा सके।
यह पत्र विशेष रूप से भाजपा सरकार और संगठन के बीच जारी अंदरूनी खींचतान के बीच आया है। हाल ही में संगठन और सरकार के बीच मतभेद उभरकर सामने आए थे। इस संदर्भ में केशव मौर्य को दिल्ली बुलाया गया था, जहां उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस बैठक में संगठन और सरकार के बीच तनाव कम करने की दिशा में चर्चा की गई और नड्डा ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली बयानबाजी से बचने की सलाह दी थी।
यूपी कार्यसमिति की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि "जो आपका दर्द है, वही मेरा भी दर्द है" और भाजपा में सरकार से बड़ा संगठन है, संगठन था और रहेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि 7 कालिदास मार्ग हमेशा कार्यकर्ताओं के लिए खुला रहेगा। मौर्य के इस बयान के बाद यूपी की सियासत में नई हलचल देखने को मिली है।
इस पत्र के माध्यम से मौर्य ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि वे पार्टी और सरकार के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए गंभीर हैं और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहते हैं।