By एकता | Aug 07, 2023
डेल्युजनशिप... इश्क के गलियारों में आजकल इस शब्द या टर्म की काफी जोरो-शोरो से चर्चा हो रही है। ऐसा नहीं है कि ये 'शब्द या टर्म' कुछ नया है या लोग इससे वाकिफ नहीं है। अब बस लोगों को इसे संदर्भित करने के लिए एक टर्म मिल गयी है। डेल्युजनशिप तेज होती चर्चा ने लोगों लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। इसकी वजह से लोग खुद से सवाल करने पर मजबूर हो गए है। इतना ही नहीं लोग अपनी सीटुएशनशिप पर भी सवाल उठाते नजर आ रहे हैं। दरअसल, हाल ही में टिकटॉक पर इस शब्द की चर्चा शुरू हुई थी, जो अब थमने का नाम नहीं ले रही है। लेकिन डेल्युजनशिप आखिर क्या बला है? चलिए आपको इसके बारे विस्तार से जानकारी देते हैं। पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें-
डेल्युजनशिप एक ऐसी परिस्थिति है, जिसमें लोग किसी व्यक्ति (आमतौर पर पसंदीदा व्यक्ति या क्रश) को लेकर भ्रम में रहते हैं। आसान शब्दों में समझाया जाए तो एक व्यक्ति, जो हकीकत में आपके पास नहीं है, दिन-रात उसके सपने सजाने की परिस्थिति को डेल्युजनशिप कहते हैं। उदाहरण देकर समझाऊ तो ये कह सकते हैं कि अपने पसंदीदा अभिनेता या अभिनेत्री के दिनभर सपने सजाना भी डेल्युजनशिप है।
हर व्यक्ति अपनी जिंदगी के एक मोड़ पर डेल्युजनशिप का सामना करते है, जो पूरी तरह से सामन्य है। रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डेल्युजनशिप कोई गंभीर चिंता का विषय नहीं है। बल्कि ये मजेदार और रिलेशनशिप में जाने का पहला कदम हो सकती है। सभी लोग अपने क्रश के सपने सजाते हैं, जिसमें कोई भी बुराई नहीं है क्योंकि ये ज्यादा समय से जीवित नहीं रहते हैं। समय के साथ जब लोगों की सामने वाले व्यक्ति में से दिलचस्पी कम होने लगती है तब डेल्युजनशिप खत्म हो जाती है।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स डेल्युजनशिप को चिंता का विषय नहीं मानते हैं। लेकिन इसके साथ उन्होंने ये भी साफ किया है कि किसी के प्रति जरूरत से ज्यादा झुकाव होना समस्याएँ पैदा कर सकता है। इस परिस्थिति में डेल्युजनशिप खतरनाक साबित हो सकती है। बहुत से लोग हकीकत और सपनों की दुनिया में फर्क भूल जाते हैं। जब उन्हें उनके सपने में देखी चीजें हकीकत में नहीं मिलती तो उनके अंदर हीन भावना उत्पन हो जाती है। इसके अलावा डेल्युजनशिप की वजह से लोगों को गंभीर मानसिक बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।