By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 10, 2022
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’ संगठन के संस्थापक खालिद सैफी की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा। खालिद ने साल 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़ी कथित साजिश के मामले में खुद को जमानत देने की मांग की है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने निचली अदालत के आठ अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली खालिद की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए पुलिस को नोटिस जारी किया।
निचली अदालत ने खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने नोटिस को स्वीकार किया। इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने कहा कि उनका मुवक्किल 800 दिनों से अधिक समय से हिरासत में है और उसका मामला अन्य सह-आरोपियों से काफी अलग है। निचली अदालत ने यह कहते हुए खाालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया सही प्रतीत होते हैं।
खालिद पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए गए थे। खालिद पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों का कथित तौर पर मास्टरमाइंड होने का आरोप है। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।