By अंकित सिंह | Jul 02, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। हालांकि, पीएम मोदी जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए, विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। शोर-शराबे के बीच मोदी ने अपने संबोधन के शुरूआत में कहा कि मैं राष्ट्रपति जी के अभिभाषण के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूं। उन्होंने कहा कि हमारी आदरणीय राष्ट्रपति जी ने विकसित भारत के संकल्प को अपने प्रवचन में विस्तार दिया है। आदरणीय राष्ट्रपति महोदया ने अहम विषय उठाए हैं। राष्ट्रपति जी ने हम सबका और देश का मार्गदर्शन किया है। इसके लिए मैं राष्ट्रपति जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
मोदी ने आगे कहा कि दुनिया के सबसे बड़े चुनाव अभियान के लिए जनता ने हमें चुना है और मैं कुछ लोगों का दर्द समझ सकता हूं। लगातार झूठ फैलाने के बावजूद उन्हें भारी हार का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कल और आज अनेक सांसदों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार व्यक्त किये, विशेषकर उन सांसदों ने जो पहली बार सांसद के रूप में हमारे बीच आये हैं। उन्होंने संसद के सभी नियमों का पालन किया और उनका व्यवहार एक अनुभवी सांसद की तरह था और पहली बार आने के बावजूद उन्होंने सदन की गरिमा को बढ़ाया और अपने विचारों से इस बहस को और अधिक मूल्यवान बना दिया। उन्होंने कहा कि आज विश्व में भारत का गौरव हो रहा है। दुनिया में साख बढ़ी है। भारत को देखने का गौरवपूर्ण नजरिया भी हर भारतवासी अनुभव कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम 2014 में जब पहली बार जीतकर आए थे, तो चुनाव के अभियान में भी हमने कहा था कि करप्शन के प्रति हमारा जीरो टॉलरेंस रहेगा। भ्रष्टाचार के प्रति हमारी इसी नीति के कारण देश ने हमें आशीर्वाद दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा एकमात्र मिशन 'राष्ट्र प्रथम' है! हमारा एकमात्र मिशन 'भारत फर्स्ट' है! हमारे कार्य, कदम और नीतियां इसी मिशन और लक्ष्य की ओर उन्मुख हैं। सभी ने देखा है कि हमने हर वो सुधार किया है जो देश की भलाई के लिए जरूरी था। उन्होंने कहा कि इस देश ने लंबे अरसे तक तुष्टिकरण की राजनीति भी देखी है। देश ने लंबे अरसे तक तुष्टिकरण का गवर्नेंस मॉडल भी देखा है। लेकिन हम तुष्टिकरण नहीं बल्कि सन्तुष्टिकरण के विचार को लेकर चले हैं।
उन्होंने कहा कि जब हम सन्तुष्टिकरण की बात करते हैं तो इसका मतलब है हर योजना का सैचुरेशन। जब हम सैचुरेशन के सिद्धांत को लेकर चलते हैं, तब सैचुरेशन सच्चे अर्थ में सामाजिक न्याय होता है, सैचुरेशन सच्चे अर्थ में सेक्युलरिज्म होता है। इसी के आधार पर देश की जनता ने हमें समर्थन देकर मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव ने इस बात को सिद्ध किया है कि भारत की जनता कितनी परिपक्व है, भारत की जनता कितने विवेकपूर्ण रूप से और कितने उच्च आदर्शों को लेकर अपने विवेक का सद्बुद्धि से उपयोग करती है और इसी का नतीजा है कि आज तीसरी बार हम देश की जनता के सामने नम्रतापूर्वक सेवा करने के लिए उपस्थित हुए हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस चुनाव में हम जनता के बीच एक बड़े संकल्प के साथ आशीर्वाद मांगने गए थे। हमने आशीर्वाद मांगा था, विकसित भारत के हमारे संकल्प के लिए। हम विकसित भारत के निर्माण के लिए एक प्रतिबद्धता और शुभ निष्ठा के साथ, जन सामान्य का कल्याण करने के इरादे से जनता के बीच गए थे। उन्होंने कहा कि मैं आज आपके माध्यम से देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि विकसित भारत के जिस संकल्प को लेकर हम चले हैं, उस संकल्प की पूर्ति के लिए हम भरसक प्रयास करेंगे, पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करेंगे। समय का पल-पल और शरीर का कण-कण विकसित भारत के सपने को पूरा करने में लगाएंगे।