Jammu Kashmir Election Issues: भ्रष्टाचार और बेरोजगारी है जम्मू-कश्मीर का असली मुद्दा, जानिए क्या है सूबे की जनता की राय

By अनन्या मिश्रा | Sep 18, 2024

जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद चुनाव होने जा रहे हैं। 18 सितंबर 2024 को पहले चरण का मतदान हो रहा है। बता दें कि 05 अगस्त 2019 को जब भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने सूबे से आर्टिकल 370 हटाया था, तो लोगों ने इसका जश्न मनाया था। हालांकि पिछले 5 सालों में जम्मू में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इसके लिए कई वजहों को जिम्मेदार माना गया है। जम्मू-कश्मीर में अब आर्टिकल 370 से बड़ा मुद्दा लोगों के लिए बढ़ती बेरोजगारी, सुविधाओं का अभाव, नौकरियों की कमी और भ्रष्टाचार आदि है। सूबे के लोगों की मानें, तो फिलहाल यहां पर भ्रष्टाचार और बेरोजगारी असली मुद्दा है।


स्थानीय लोगों की मानें, तो जम्मू-कश्मीर के लोगों का मूड पहले से काफी बदल गया है। पांच साल पहले लोगों को लगता था कि यहां कुछ अच्छा होने वाला है, लेकिन अब हकीकत कुछ और ही है। लोगों को लगता है कि उनकी नौकरियां और जमीनें छीनी जा रही हैं। यहां के लोग नौकरी करना चाहते हैं, अभी भी आम लोगों के लिए रोटी-कपड़ा और मकान बड़ी चिंता का कारण बना है। क्योंकि आप भावनात्मक नारों के सहारे लंबे समय तक जिंदा नहीं रह सकते हैं।

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इसके अलावा लोगों का मानना है कि आर्टिकल 370 खत्म होने से आतंकवादियों और अलगाववादियों को पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश की गई है। लेकिन फिर भी ऐसा लगता है जैसे जम्मू को पिछले 5 सालों में अनदेखा कर दिया गया है। हालांकि कश्मीर पूरी तरह से शांत है, लेकिन जम्मू के लिए कोई प्लान नहीं हैं। अन्य शहरों की तुलना में जम्मू में प्रति व्यक्ति आय कम है। भले ही राजस्व रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया गया है, लेकिन सूबे की सुविधाओं में कमी देखने को मिलती है।

 

तो वहीं कई लोगों का मानना है कि साल 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में सकारात्मक बदलाव भी देखने को मिले हैं। बच्चे अब स्कूल जा रहे हैं, जो पढ़ाई छोड़ चुके थे। वह अब फिर से पढ़ाई शुरू कर चुके हैं। हालांकि इन सब के बावजूद जम्मू-कश्मीर में अभी काफी कुछ बदलने की जरूरत है। नजर डालें तो सूबे की जनता बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर बात खुलकर बात करना चाहती है औऱ सूबे में मूलभूत सुविधाओं का लाभ उठाना चाहती है।

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