By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 16, 2020
नयी दिल्ली। कोविड-19 के रोगियों को उचित दर पर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने निजी क्षेत्र के साथ समझौता किया है। यह जानकारी मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी होने की संभावना की खबरों के बीच मंत्रालय ने सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि वे निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ सक्रिय रूप से भागीदारी करें ताकि बिस्तरों की उपलब्धता में बढ़ोतरी हो और गंभीर रूप से बीमार लोगों का ठीक से इलाज किया जा सके। साथ ही उसने सेवा देने के लिए उचित और पारदर्शी शुल्क सुनिश्चित करने के लिए भी कहा था।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘तमिलनाडु, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने इस दिशा में पहल की है।’’ उसने कहा, ‘‘निजी क्षेत्र के साथ उन्होंने बातचीत की औरकोविड-19 के भर्ती गंभीर मरीजों के लिए उचित दरों तथा गहन देखभाल की सुविधाओं के लिए समझौता किया।’’ राज्यों से कहा गया है कि निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ सक्रिय रूप से भागीदारी करें और सार्वजनिक एवं निजी स्वास्थ्य सुविधाओं की पूलिंग पर विचार करें जिससे कोविड-19 के रोगियों को शीघ्र, अच्छी गुणवत्ता वाली और उचित देखभाल सुविधा मुहैया कराई जा सकेगी।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले मंगलवार को 3,43,091 पर पहुंच गये और अब तक मृतक संख्या 9,900 हो गयी है। मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 का पता लगाने के लिए जांच क्षमता लगातार बढ़ाई जा रही है और इसमें अभी प्रति दिन तीन लाख नमूनों की जांच की क्षमता है। मंत्रालय ने कहा कि अभी तक देश में 907 प्रयोगशालाओं का नेटवर्क तैयार किया गया है जिनमें 659 प्रयोगशालाएं सरकारी क्षेत्र की और 248 निजी क्षेत्र की हैं। इसने कहा कि आरटी-पीसीआर कोविड-19 का पता लगाने के लिए स्वर्ण मानक जांच है।
आईसीएमआर के अनुसार अभी तक कोविड-19 के लिए 59 लाख 21 हजार 69 नमूनों की जांच की जा चुकी है जिनमें एक लाख 54 हजार 935 नमूनों की जांच सोमवार को की गई है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिल्ली में जांच क्षमता बढ़ाने के लिए सभी 11 जिलों में अब केवल संबंधित जिलों के नमूनों की ही जांच के लिए निर्दिष्ट प्रयोगशाला होगी।