By अनुराग गुप्ता | Mar 04, 2022
मॉस्को। रूस और यूक्रेन युद्ध के आठ दिन बीत चुके हैं और नौवें दिन भी दोनों सेनाओं ने एक-दूसरे पर प्रहार किया। पूरा विश्व यह देश रहा है कि यूक्रेन पर हमला करने की वजह से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अलग-थलग पड़े हुए हैं। कुछ ही देश हैं, जो उनका समर्थन कर रहे हैं। क्योंकि व्लादिमीर पुतिन ने रूसी सेना को एक जोखिम भरे युद्ध में धकेल दिया है। खुद व्लादिमीर पुतिन को भी उम्मीद नहीं रही होगी कि यूक्रेन इतने दिनों तक उनके सामने टिक पाएगा। लेकिन यूक्रेन ने डटकर सामना किया और रूसी सैनिकों को रोक कर रखा। हां, यह जरूर हुआ है कि रूस कई इलाकों पर कब्जा कर चुका है।
इसे हम युद्ध की शुरूआत के तौर पर देख सकते हैं, अभी और भी ज्यादा तबाही के मंजर देखने को मिल सकते हैं। क्योंकि व्लादिमीर पुतिन को भरोसा रहा होगा कि यूक्रेन जल्द ही अपने घुटने टेक देगा और पश्चिमी देश भी यूक्रेन को रूस का हिस्सा मानने लगेंगे। लेकिन सच्चाई इसके उलट दिख रही है और रूस को आर्थिक मोर्चे पर नुकसान सहना पड़ रहा है।
परमाणु ऊर्जा संयंत्र को रूसी सेना ने बनाया निशाना
दक्षिणी यूक्रेन के एनेर्होदर शहर में ऊर्जा संयंत्र पर रूसी सेना ने हमला किया। जिसकी वजह से प्रतिष्ठान में आग लग गई है। जपोरिजिया परमाणु संयंत्र के आस-पास के क्षेत्र में विकरण का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया है। इस स्थान पर देश की करीब 25 फीसदी बिजली का उत्पादन होता है। एक अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर यह जानकारी दी।
ऊर्जा संयंत्र के प्रवक्ता एन्ड्री तुज ने यूक्रेनी टेलीविजन को बताया कि आग को बुझाने के लिए लड़ाई को रोकना बहुत ज्यादा जरूरी है। रूसी सेना एनेर्होदर शहर पर कब्जा करने के लिए गुरुवार से लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके अलावा यूक्रेन रो समुद्र मार्ग से काटने के लिए भी काफी मशक्कत कर रहे हैं।
बाइडेन ने जेलेंस्की से की बात
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बातचीत की और रूस से प्रभावित क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने तथा आपात बचाव दल को वहां जाने की अनुमति देने की मांग की है। व्हाइट हाउस ने इसकी जानकारी दी। बाइडेन ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थिति की जानकारी लेने के लिए अमेरिकी ऊर्जा विभाग के परमाणु सुरक्षा के अवर सचिव और राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन के प्रशासक से बातचीत भी की है।
अभी नहीं रुकने वाला युद्ध
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने रूसी राष्ट्रपति से यूक्रेन के विषय पर बातचीत की। जिसके बाद मैक्रों ने बताया कि व्लादिमीर पुतिन अभी युद्ध नहीं रोकने वाले हैं। उन्होंने कहा कि इस समय तो उन्होंने इससे इनकार किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह संवाद जारी रखेंगे ताकि और अधिक मानवीय त्रासदी न हो।
जल्द होगी तीसरे दौर की वार्ता
यूक्रेन और रूस के बीच जल्द ही तीसरे दौर की वार्ता होगी। बीते दिनों पोलैंद बॉर्डर के पास स्थित बेलारूस में दूसरे दौर की वार्ता हुई थी। इस वार्ता को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सलाहकार व्लादिमीर मेदिन्स्की ने बताया कि दोनों पक्षों की स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है, संघर्ष के राजनीतिक समाधान से संबंधित मुद्दों समेत एक-एक बात लिखी गई है। हालांकि उन्होंने विस्तार से जानकारी दिए बिना कहा कि उनकी ओर से आपसी सहमति बनी है।
क्या बंधक हैं 3179 भारतीय छात्र ?
युद्ध के बीच व्लादिमीर पुतिन ने आरोप लगाया कि 3179 भारतीय छात्रों को खारकीव स्टेशन पर बंधक बनाया गया है। जबकि सुमी में 576 छात्र बंदी है। व्लादिमीर पुतिन ने रूस की सुरक्षा परिषद में कहा कि यूक्रेन विदेशी नागरिकों को बंधक बना रहा है जिसमें कॉलेज में पढ़ने वाले हज़ारों छात्र शामिल हैं।