इन कर्मचारियों का कहना है कि सालों से नियमितीकरण, नियमित कर्मचारियों का 90 प्रतिशत वेतन और निकाले गए कर्मचारियों की बहाली को लेकर मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। कम वेतन पर नियमित स्टाफ से अधिक काम लेकर कब तक शोषण किया जाएगा साथ ही अप्रैजल के बहाने कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करना कहां का न्याय है। चुनाव के पहले नियमित करने का सपना दिखाया जाता है और सरकार बनने के बाद संविदा कर्मचारियों का ही शोषण किया जाता रहा है।