By अनुराग गुप्ता | Feb 19, 2021
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच दिलचस्प मुकाबला होने की बात कहीं जा रही है लेकिन इससे भी गुरेज नहीं किया जा सकता कि कांग्रेस और वाम द्वारा बनाए गए गठबंधन का कोई रोल नहीं होगा। हाल ही में कांग्रेस और वाम दलों ने भारतीय सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) को अपने गठबंधन में शामिल कर लिया है।
हाल ही में बना है भारतीय सेक्युलर फ्रंट
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में फुरफुरा शरीफ दरगाह के एक प्रभावशाली मौलाना अब्बास सिद्दीकी ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जनवरी 2021 में ‘इंडियन सेकुलर फ्रंट’ की घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि वह सभी 294 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि उन्होंने कांग्रेस और वामदलों के साथ गठबंधन कर लिया है।
ममता 'दीदी' को दिलाई थी कुर्सी
ममता बनर्जी को राज्य का प्रमुख बनाने में फुरफुरा शरीफ दरगाह के मौलाना अब्बास सिद्दीकी का अहम रोल बताया जाता है। उन्होंने सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। लेकिन अब उन्होंने ममता दीदी को झटका देते हुए कांग्रेस का साथ देने का मन बना लिया है। वहीं, पहले कहा जा रहा था कि मौलाना अब्बास सिद्दीकी एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ मिलकर बंगाल की सियासत में उतर सकते हैं।
कांग्रेस और वामदलों के साथ मौलाना अब्बास सिद्दीकी के जाने से बंगाल में तीसरा मोर्चा मजबूत होता हुआ दिखाई दे रहा है। लेकिन अभी यह देखना दिलचस्प होगा कि ओवैसी कितनी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारते हैं।
सीट बंटवारे को लेकर हो रही चर्चा
मौलाना अब्बास सिद्दीकी कांग्रेस और वामदलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर बातचीत कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक आईएसएफ बंगाल की 70 से 75 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है लेकिन कांग्रेस और वामदल अभी इतनी सीटें देने के लिए राजी नहीं हुए हैं। वहीं, कांग्रेस और वाम दलों के बीच भी अभी तक सीट बंटवारे को लेकर कोई स्पष्ट तस्वीर सामने नहीं आई है। 28 जनवरी की बातचीत के आधार पर कहा जा रहा था कि कांग्रेस 92 और वाम दल 101 सीटों पर चुनाव लड़ सकता है।
वोटों का न हो बंटवारा
मौलाना अब्बास सिद्दीकी ने हिन्दी समाचार पत्र एनबीटी को बताया कि हमारा उद्देश्य है कि वोटों का बंटवारा न हो। उन्होंने कहा कि हमने अपनी स्थिति साफ कर दी है। जहां पर हमारे पास मजबूत उम्मीदवार हैं, हमने वही सीटें मांगी हैं। लेकिन जहां पर हमारे उम्मीदवार ताकतवर नहीं है वहां पर हम समर्थन देने के लिए तैयार हैं।