By अभिनय आकाश | Sep 16, 2024
दिल्ली की सियासत में संडे के दिन को सबसे ट्रेंडिग और गहमा गहमी वाला बनाने वाले ऐलान ने सभी राजनीतिक दलों को अलर्ट मोड पर आने पर मजबूर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत प्राप्त करने के बाद तिहाड़ से करीब छह महीने बाद बाहर आने वाले अरविंद केजरीवाल एक दिन बाद वो पूर्व मुख्यमंत्री हो जाएंगे। फिर दिल्ली की सत्ता कौन संभालता है ये देखना होगा। लेकिन केजरीवाल ने इस्तीफा क्यों दिया वो भी उन्हीं आरोपों पर जिन आरोपों पर उनसे मार्च से इस्तीफा मांगा जा रहा था। कहा जा रहा था कि जेल जाने पर उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। लेकिन 15 सितंबर को अरविंद केजरीवाल ने क्यों अचानक इस्तीफे का ऐलान किया है।
फरवरी 2025 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होना है। केजरीवाल ने बहुत सोच समझ कर इस्तीफे का ऐलान किया है। केजरीवाल मार्च में भी इस्तीफा दे सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा किया नहीं। अब इसके पीछे के कारण को समझें तो कारण ये है कि मार्च में अगर इस्तीफा देते और कहते कि चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं तो संभव नहीं था। केजरीवाल ने वक्त चुना ऐसा कि जब छह महीने विधानसभा चुनाव के बचे हैं। उन्होंने यही कहा कि नवंबर में चुनाव करवाइए। कहा जा रहा है कि ये सारी रणनीति केजरीवाल के वकील और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने रची है। वही मनु सिंघवी जो अरविंद केजरीवाल का केस लड़ रहे हैं। जिनकी दलीलों के बाद केजरीवाल को जमानत मिल गई।
वही अभिषेक मनु सिंघवी जिसको आम आदमी पार्टी किसी भी तरीके से राज्यसभा भेजना चाहती थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभिषेक मनु सिंघवी ने प्लान बनाया और अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा देने के लिए कहा है। दिल्ली में फरवरी 2025 में चुनाव होने है। ऐसे में अगर केजरीवाल के इस्तीफे के बाद नवंबर में चुनाव नहीं होते हैं। अरविंद केजरीवाल जनता के बीच जाकर ये बताने की कोशिश करेंगे कि हम चुनाव करवाने को तो कह रहे हैं। लेकिन ये तैयार नहीं हो रहे हैं। इन्हें डर है कि हम फिर न जीत जाएं।