By अंकित सिंह | Jun 19, 2023
गीता प्रेस को वर्ष 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है। हालांकि, इसको लेकर राजनीति भी जारी है। कांग्रेस ने गीता प्रेस को पुरस्कार दिए जाने की आलोचना की और इसे ‘उपहास’ बताया। वहीं, भाजपा ने इसकी आलोचना करने को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी गीता प्रेस से इसलिए नफरत करती है, क्योंकि वह सनातन का संदेश फैला रहा है। हालांकि ऐसा लग रहा है कि कही ना कही इस मामले को लेकर कांग्रेस दो खेमों में बंटी नजर आ रही है।
गीता प्रेस को प्रदत्त गांधी शांति पुरस्कार 2021 की कांग्रेस की आलोचना पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भाजपा चाहती है कि कांग्रेस को हिंदुओं के खिलाफ पार्टी घोषित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि गीता प्रेस की स्थापना लगभग 100 साल पहले हुई थी जब बीजेपी की स्थापना भी नहीं हुई थी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि गीता प्रेस के खिलाफ कुछ भी कहना हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा है। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे नेताओं को इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
ट्विटर पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 देना सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने जैसा होगा। उन्होंने तर्क दिया कि एक लेखक अक्षय मुकुल ने 'गीता प्रेस एंड द मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया' नामक एक जीवनी लिखी थी। रमेश ने कहा कि किताब मुकुल के महात्मा गांधी के साथ 'तूफानी' संबंधों और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चल रही लड़ाइयों का पता लगाता है. यह फैसला वास्तव में एक उपहास है और सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है। हालांकि, कांग्रेस में भी इसको लेकर राय बंटी हुई नजर आ रही है। यूपी कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि जयराम रमेश को ऐसे बय़ान नहीं देना चाहिए था।
भाजपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी गीता प्रेस से इसलिए नफरत करती है क्योंकि वह सनातन का संदेश फैला रहा है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस को ‘हिन्दू विरोधी’ करार दिया और लोगों से सवाल किया कि गीता प्रेस पर उसके हमले से क्या कोई हैरान है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि अगर इसे "xyz प्रेस" कहा जाता तो वे इसकी सराहना करते लेकिन क्योंकि यह गीता है - कांग्रेस को समस्या है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष मानती है, लेकिन गीता प्रेस सांप्रदायिक है; जाकिर नाइक शांति का मसीहा है लेकिन गीता प्रेस सांप्रदायिक है।