By अनन्या मिश्रा | Nov 04, 2024
कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। देश की सबसे पुरानी पार्टी वह गलती नहीं दोहराना चाहती है, जो उससे हरियाणा विधानसभा चुनाव में हुई थी। जिसके कारण राज्य में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में हरियाणा विधानसभा चुनाव में इंडिया बलॉक के सहयोगियों ने बताया था कि पार्टी के अति आत्मविश्वास की वजह से यह जोखिम उठाना पड़ा था। यही वजह है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सावधानी से कदम उठाती दिख रही है।
कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी से ज्यादा सीटें मांगते हुए बैलेंस बनाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में पार्टी यह भी सुनिश्चित कर रही है कि उनका महाविकास अघाड़ी गठबंधन बरकरार रहे। इसके साथ ही पार्टी टिकट आवंटन में होने वाली परेशानियों को रोकने के लिए रणनीति बना रही है। पार्टी ने पहले से संकेत दे दिए हैं कि वह महाराष्ट्र में हरियाणा वाली गलती को नहीं दोहराना चाहती है।
विद्रोही फैक्टर के कारण हरियाणा में हार का सामना करने वाली कांग्रेस प्रयास में जुटी है कि महाराष्ट्र में पार्टी नेताओं में असंतोष पैदा न हो। ऐसे में इस स्थिति से बचने के लिए पार्टी पहले उन सभी क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों को नियुक्त करेगी, जिससे नेताओं में असंतोष की स्थिति को कम किया जा सके। इसके अलावा इन नेताओं को भविष्य में संतुष्ट करने का आश्वासन देकर उन्होंने पार्टी से जोड़े रखने का भी काम सौंपा गया।
क्योंकि जिन नेताओं को टिकट नहीं मिलता है, वह बागी बन जाते हैं और विरोधियों के टारगेट में आ जाते हैं। हरियाणा में भी कांग्रेस के विद्रोहियों ने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचाया था। ऐसे में कांग्रेस इस मैनेजमेंट पर ध्यान दे रही है, जिससे कि महाराष्ट्र में ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े। इसके अलावा बताया जा रहा है कि कांग्रेस महाराष्ट्र में '5 गारंटी' का मास्टर प्लान, जिसके दम पर पार्टी भाजपा समेत अन्य विरोधी दलों को शिकस्त देगी।