Caste Census पर RSS के बयान पर भड़की कांग्रेस, जयराम रमेश बोले- जाति जनगणना की इजाजत देने वाला संघ कौन

By अंकित सिंह | Sep 03, 2024

देश में जाति जनगणना के मुद्दे को लेकर राजनीति खूब हो रही है। कंग्रेस सहित तमाम विपक्षी नेता सरकार से जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं। इन सब के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भी इस पर प्रतिक्रिया आई थी। सोमवार को आरएसएस ने कहा कि उसे विशिष्ट समुदायों या जातियों पर डेटा एकत्र करने में कोई आपत्ति नहीं है, जब तक कि जानकारी का उपयोग उनके कल्याण के लिए किया जाता है, न कि राजनीतिक लाभ के लिए। इसी को लेकर अब कांग्रेस ने सवाल खड़े कर दिए हैं। 

 

इसे भी पढ़ें: हरियाणा में यूपी के दलों की दावेदारी: सत्ता का सपना पूरा होगा या सिर्फ वोट कटवा बनेंगे?


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरएसएस के रुख को लेकर कई सवाल उठाए। उन्होंने एक्स पोस्ट पर लिखा कि जाति जनगणना को लेकर आरएसएस की उपदेशात्मक बातों से कुछ बुनियादी सवाल उठते हैं: 1. क्या आरएसएस के पास जाति जनगणना पर निषेधाधिकार है? 2. जाति जनगणना के लिए इजाज़त देने वाला आरएसएस कौन है? 3. आरएसएस का क्या मतलब है जब वह कहता है कि चुनाव प्रचार के लिए जाति जनगणना का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए? क्या यह जज या अंपायर बनना है?


चौथे सवाल में जयराम ने पूछा कि आरएसएस ने दलितों, आदिवासियों और OBC के लिए आरक्षण पर 50% की सीमा को हटाने के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता पर रहस्यमई चुप्पी क्यों साध रखी है? अब जब आरएसएस ने हरी झंडी दिखा दी है तब क्या नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री कांग्रेस की एक और गारंटी को हाईजैक करेंगे और जाति जनगणना कराएंगे? इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखा था कि आरएसएस स्पष्ट रूप से देश को बताएँ कि वो जातिगत जनगणना के पक्ष में है या विरोध में है? देश के संविधान के बजाय मनुस्मृति के पक्ष में होने वाले संघ परिवार को क्या दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग व ग़रीब-वंचित समाज की भागीदारी की चिंता है या नहीं?

 

इसे भी पढ़ें: विदेश से लौटते ही ऐक्शन में दिखे लालू यादव, कास्ट सेंसस को लेकर RSS-BJP पर साधा निशाना, बोले- इनकी क्या औकात जो...


आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने समन्वय बैठक नामक तीन दिवसीय समन्वय बैठक के बाद सोमवार को केरल के पलक्कड़ में मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने जाति और जाति संबंधों को "बहुत संवेदनशील मुद्दा" बताया और राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देने के लिए सावधानीपूर्वक निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया। अंबेकर ने कहा कि आरएसएस कल्याण उद्देश्यों के लिए जाति डेटा के संग्रह का समर्थन करता है, लेकिन इसका इस्तेमाल चुनावी राजनीति के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

प्रमुख खबरें

Manikarnika Snan 2024: देव दीपावली पर मणिकर्णिका स्नान करने से धुल जाते हैं जन्म-जन्मांतर के पाप

Narayan Murthy ने वर्क कल्चर को लेकर फिर दिया बयान, कहा 5 दिन काम करना...

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन किस तरह से दें चंद्रमा को अर्घ्य?

Jharkhand Foundation Day | ‘India’ गठबंधन झारखंड के लोगों की संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध, राहुल गांधी ने शेयर की पोस्ट