By रेनू तिवारी | May 24, 2023
नए संसद भवन का उद्घाटन: कांग्रेस समेत विपक्ष के 19 दलों ने बुधवार को कहा कि वे संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का सामूहिक बहिष्कार करेंगे क्योंकि इस सरकार में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है। उन्होंने एक संयुक्त बयान में यह आरोप भी लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उद्घाटन समारोह से दरकिनार करना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन करने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला है।
कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की
राजद (राष्ट्रीय जनता दल), द्रमुक और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने बुधवार को 28 मई को दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की। 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में कांग्रेस समेत और भी विपक्षी दलों के शामिल होने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि विपक्ष की इस मांग के बीच कि राष्ट्रपति को नए भवन का उद्घाटन करना चाहिए, समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया और सदन के नेताओं द्वारा कार्यक्रम के संयुक्त बहिष्कार पर एक संयुक्त बयान जल्द ही जारी किया जा सकता है।
राजद नेता मनोज झा ने बहिष्कार के बारे में बात करते हुए कहा कि बहिष्कार एक 'एकजुट विपक्ष' का संदेश है कि पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करना भारत के संविधान के खिलाफ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नई संसद का उद्घाटन करना चाहिए।
उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा, 'सभी विपक्षी दलों ने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है और हम भी ऐसा ही करेंगे।'
आपको बता दें कि अमित शाह ने मोदी सरकार के 9 साल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया है। कहा रिकॉर्ड समय में बनी नई संसद भवन।