By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 27, 2022
देहरादून। उत्तराखंड महिला कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को हाल में नौकरी से हटाए जाने पर आंदोलन कर रहे संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का समर्थन करते हुए आरोप लगाया कि सोमवार को मुख्यमंत्री आवास की ओर शांतिपूर्ण तरीके से कूच कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस ने अत्याचार किए।
यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में गढवाल क्षेत्र की प्रदेश मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी माहरा और प्रवक्ता सुजाता पॉल ने आरोप लगाया कि सोमवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के दौरान पुलिसकर्मियों ने एक गर्भवती स्वास्थ्यकर्मी को उसके पेट में लात मारी और एक दूसरी महिला स्वास्थ्यकर्मी का हाथ इतनी जोर से पकडा कि उसकी हडडी टूट गयी।
पॉल ने पूछा, कोविड 19 के समय अपनी जिंदगी को जोखिम में डाल कर लाखों लोगों की जान बचाने वाले कोरोना योद्धाओं के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जाना उचित है। क्या यह उत्तराखंड की संस्कृति है। हाल में प्रदेश में 2200 संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को नौकरी से हटा दिया गया था। इसका विरोध कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस के बीच सोमवार को संघर्ष हो गया था।