Bihar में कैबिनेट विस्तार को लेकर क्यों है असमंजस? आखिर सीएम नीतीश ने तेजस्वी के पाले में क्यों डाली गेंद

By अंकित सिंह | Feb 13, 2023

बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा जोरों पर है। माना जा रहा था कि 14 जनवरी के बाद ही बिहार में कैबिनेट विस्तार होगा। लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी अब तक कैबिनेट विस्तार नहीं हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार में हर दिन नया घटनाक्रम सामने आ रहा है जिसकी वजह से सियासी हलचल बढ़ जा रही है। कांग्रेस भी लगातार मंत्री पद की मांग कर रही है। इन सबके बीच कैबिनेट विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। उन्होंने पूरा का पूरा मामला उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव पर डाल दिया है। इसका मतलब साफ है कि किसे मंत्री बनाया जाना है, इसका निर्णय खुद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव करेंगे। 

 

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हालांकि, ऐसा क्या है कि नीतीश कुमार ने कैबिनेट विस्तार को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पाले में गेंद डाल दी हैं? सियासी जानकारी इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चतुराई भरी चाल मान रहे हैं। कांग्रेस के लिए भी असमंजस की स्थिति है कि वह अब क्या करें। दरअसल, बिहार में 7 दलों का महागठबंधन है। भले ही सभी दलों की ओर से दावा किया जाता रहा हो कि हम मजबूती से मिलकर सरकार चला रहे हैं। लेकिन कई मुद्दों पर इन दलों के बीच टकराव की स्थिति भी देखने को मिल चुकी है। दो प्रमुख दल राजद और जदयू में भी राम चरितमानस और सुधाकर सिंह मामले को लेकर तनातनी देखने को मिली थी। इसी तरह वामदल कानून व्यवस्था का मुद्दा उठा रहे। तो पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के मुखिया जीतन राम मांझी लगातार शराबबंदी के मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेर रहे हैं। 

 

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माना यह भी जा रहा है कि कहीं ना कहीं कैबिनेट में मंत्री पद को लेकर ज्यादा टकराव की स्थिति राजद और कांग्रेस में है। यही कारण है कि नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर ही सारी जिम्मेदारी छोड़ दी है। कांग्रेस और राजद में सहमति बनाने के बाद तेजस्वी यादव ही मंत्री पद के लिए किसी नाम पर मुहर लगाएंगे। उसके बाद नीतीश कुमार के लिए कैबिनेट विस्तार आसान हो जाएगा। कैबिनेट में अभी भी राजद कोटे से कुछ मंत्री को शामिल किया जाना है। ऐसे में नीतीश को सिर्फ नाम का इंतजार है। नीतीश कुमार को यह भी पता है कि जदयू से कैबिनेट में जिसे भी शामिल किया जाएगा, वह उन्हें ही तय करना है और उनकी बातों को पार्टी में कोई नकार नहीं सकता। 

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