By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 23, 2019
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के उद्योग जगत के समक्ष केन्द्र में भाजपा नीत सरकार को फिर से चुनने की जोरदार वकालत करते हुये शनिवार को कहा कि पिछली सरकारों में जहां भ्रष्टाचार के लिये प्रतिस्पर्धा होती थी वहीं वर्तमान सरकार में इसकी जगह उच्च आर्थिक वृद्धि और कम मुद्रास्फीति ने ले ली है। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली सरकारों और अपनी पार्टी (भाजपा) की कार्यशैली की तुलना करते हुये भ्रष्टाचार से लेकर फैसले लेने में देरी करने जैसे तमाम मुद्दों को उद्योग जगत के समक्ष गिनाया। उन्होंने कहा कि वहीं आज उदारीकरण के बाद देश में सबसे ऊंची औसत आर्थिक वृद्धि और सबसे कम औसत मुद्रास्फीति हासिल की गई है।
प्रधानमंत्री ने आयोजित इकोनॉमिक टाइम्स के वैश्विक व्यावसायिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश को 10 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का अपना दृष्टिकोण पेश किया। उन्होंने कहा कि वह देश को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं जहां असंख्य स्टार्टअप हों और देश इलेक्ट्रिक वाहनों तथा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के मामले में विश्व की अगुवाई करे। उन्होंने कहा कि जब मई 2014 में उनकी सरकार आयी तब देश की वृहद आर्थिक स्थिरता के समक्ष कमरतोड़ महंगाई, बढ़ता चालू खाता घाटा और वृहद राजकोषीय घाटा का जोखिम था।
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उन्होंने पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि तब मंत्रालयों तथा कुछ लोगों के बीच भ्रष्टाचार और विभिन्न मामलों को लटकाने की प्रतिस्पर्धा होती थी। उन्होंने कहा, ‘तब प्रतिस्पर्धा थी कि कौन सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार कर सकता है, कौन सबसे तेजी से भ्रष्टाचार कर सकता है, कौन नये नये तरीके से भ्रष्टाचार कर सकता है।’ मोदी ने कहा कि पिछली सरकार में इस बात की प्रतिस्पर्धा थी कि अधिक पैसा कहां से कमाया जा सकता है, कोयला आवंटन में या स्पेक्ट्रम आवंटन में, राष्ट्रमंडल खेल में या रक्षा सौदों में।
उन्होंने कहा, ‘हम सब ने देखा है और हम सभी जानते हैं कि इस प्रतिस्पर्धा के मुख्य सूत्रधार कौन लोग थे।’ उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में यह प्रतिस्पर्धा बदल गयी है। अब अधिक निवेश आकर्षित करने, गरीबों के लिये अधिक घर बनाने की प्रतिस्पर्धा है। उन्होंने कहा, अब इस बात की प्रतिस्पर्धा है कि क्या देश का हर नागरिक सड़क से जुड़ा है और क्या सभी घरों में रसोई गैस कनेक्शन है। इसके अलावा 100 प्रतिशत स्वच्छता, 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की प्रतिस्पर्धा है। मंत्रालयों और राज्यों के बीच लक्ष्यों को हासिल करने के लिये विकास की प्रतिस्पर्धा है।
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मोदी ने कहा कि 2014-19 के दौरान देश ने 7.4 प्रतिशत की औसत उच्च आर्थिक वृद्धि दर और 4.5 प्रतिशत से कम की औसत मुद्रास्फीति दर दर्ज की है। उदारीकरण के बाद यह किसी भी अन्य सरकार की तुलना में सबसे तेज औसत आर्थिक वृद्धि दर और सबसे कम औसत मंहगाई दर है। उन्होंने कहा, ‘कोई भी सरकार एक ही समय में वृद्धि और गरीब दोनों की हितैषी नहीं हो सकती है लेकिन भारत के लोगों ने यह संभव कर दिखाया है।’ उन्होंने कहा, ‘2014 से पहले देश नीतिगत सुस्ती से जूझता रहा है। यह देश को वह स्तर पाने से रोक रहा था जो उसमें पाने की क्षमता थी। वैश्विक समुदाय पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं के समूह वाले इस सदस्य को लेकर चिंतित था। परिस्थितियों के समक्ष समर्पण की धारणा बलवती थी।’
मोदी ने कहा कि 2014 के बाद संकोच की जगह उम्मीद, अवरोध की जगह आशा और मुद्दों की जगह समाधान ने ले ली है। उन्होंने कहा कि आज बदलाव पूरी तरह स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि वह देश को 10 हजार अरब डॉलर के साथ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं। भारत अभी 2.5 हजार अरब डॉलर के साथ विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। मोदी ने कहा कि पिछली तीन औद्योगिक क्रांतियों में पिछड़ने के बाद चौथी औद्योगिक क्रांति में देश सक्रिय योगदान दे रहा है। उन्होंने अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये अपनी सरकार के कदमों को गिनाते हुए कहा, ‘पहले जो हुआ है वह हमारे हाथ में नहीं है लेकिन भविष्य में जो होगा वह मजबूती से हमारी पकड़ में है।’
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उन्होंने प्रगति का श्रेय लोगों के समर्थन और सहभागिता को देते हुए कहा कि 2014 के बाद से हुए बदलाव से उन्हें इस बात का भरोसा मिलता है कि कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि नामुमकिन अब मुमकिन है। उल्लेखनीय है कि नामुमकिन अब मुमकिन है, 2019 चुनाव के लिये भारतीय जनता पार्टी का नारा है। मोदी ने कहा, ‘दशकों से ऐसी धारणा थी कि कुछ चीजें भारत में नामुमकिन हैं। ऐसा कहा जाता था कि स्वच्छ भारत नामुमकिन है, लेकिन भारत के लोग इसे मुमकिन बना रहे हैं। ऐसा कहा जाता था कि भ्रष्टाचार से मुक्त सरकार नामुमकिन है लेकिन भारत के लोगों ने इसे भी मुमकिन कर दिखाया है। कहा जाता था कि लोगों को उनका हिस्सा देने की प्रक्रिया से भ्रष्टाचार समाप्त कर पाना नामुमकिन है, लोगों ने इसे भी मुमकिन कर दिया है। कहा जाता था कि गरीबों को तकनीक का फायदा दे पाना नामुमकिन है, देश के लोगों ने इसे भी मुमकिन कर दिखाया है।’