By अंकित सिंह | Sep 21, 2023
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है। हालांकि, इसको लेकर उन्होंने आज कुछ सवाल भी खड़े किए। उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इसके लिए 2024 का इंतजार क्यों किया जा रहा है, इसे तुरंत लागू किया जा सकता था। अपने बयान में उन्होंने कहा कि वे इसमें इतनी देरी क्यों कर रहे हैं। इसे तुरंत लागू किया जा सकता था। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि हमें 2024 तक इंतजार करने की क्या जरूरत है?... समस्या क्या है, इसे तुरंत किया जाना चाहिए था।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि यह (जनगणना) हर दस साल में हो रही थी। इसकी शुरुआत 1931 में हुई थी और यह पहली बार है कि इसमें देरी हुई है। यह अच्छा नहीं है...लेकिन यह (महिला आरक्षण) बात अच्छी है, लागू होने में थोड़ी देरी होगी लेकिन जब भी यह लागू होगा महिलाओं के लिए अच्छा होगा। इसके साथ ही उन्होंने जातीय गणना की भी बात की। इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि संसद में जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है, वह स्वागत योग्य कदम है। हम शुरू से ही महिला सशक्तीकरण के हिमायती रहे हैं और बिहार में हमलोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाये हैं। वर्ष 2006 से हमने पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया।
इकसे आगे उन्होंने कहा था कि हमारा मानना है कि संसद में महिला आरक्षण के दायरे में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की तरह पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिये भी आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिये। प्रस्तावित बिल में यह कहा गया है कि पहले जनगणना होगी तथा उसके पश्चात निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन होगा तथा इसके बाद ही इस प्रस्तावित बिल के प्रावधान लागू होंगे। इसके लिए जनगणना का काम शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। जनगणना तो वर्ष 2021 में ही हो जानी चाहिए थी परन्तु यह अभी तक नही हो सकी है। जनगणना के साथ जातिगत जनगणना भी करानी चाहिए तभी इसका सही फायदा महिलाओं को मिलेगा। यदि जातिगत जनगणना हुई होती तो पिछड़े एवं अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था को तुरंत लागू किया जा सकता था।