By अभिनय आकाश | Feb 05, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर का चुनाव कराने वाले पीठासीन अधिकारी पर कड़ा रुख अपनाया। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों को विरूपित कर दिया। क्या वह इसी तरह चुनाव आयोजित करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह लोकतंत्र की हत्या है। इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। कोर्ट ने आदेश दिया कि मेयर चुनाव के पूरे रिकॉर्ड को जब्त कर पी एंड एच एचसी रजिस्ट्रार जनरल के पास रखा जाए और मतपत्र और वीडियोग्राफी को संरक्षित किया जाए। कोर्ट ने निर्देश दिया कि चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक स्थगित रहेगी।
भाजपा ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव में जीत हासिल की थी और सभी तीन पदों पर अपना कब्जा बरकरार रखा था। इस चुनाव को कांग्रेस-आप गठबंधन के लिए झटका तौर पर देखा गया। पीड़ित पक्ष ने पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति हर्ष बांगड़ की खंडपीठ ने आम आदमी पार्टी (आप) को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। आप ने आरोप लगाया था कि मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। पार्टी ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की थी।
मेयर चुनावों में कथित धांधली को लेकर भाजपा के खिलाफ पार्टी के विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन सोमवार को चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय में प्रवेश करने से रोके जाने के बाद आम आदमी पार्टी के पार्षदों की पुलिस के साथ बहस हो गई। नगर निगम कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे एक पार्षद समेत पांच आप कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने हटा दिया। बाद में पुलिस ने घटनास्थल पर एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। पार्टी के चंडीगढ़ सह-प्रभारी सनी अहलूवालिया के नेतृत्व में आप पार्षदों ने भाजपा के खिलाफ नारे लगाए और मेयर चुनाव के दौरान मतपत्रों के साथ कथित छेड़छाड़ के लिए पीठासीन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।