शास्त्रों में शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। माना जाता है कि अगर शनिदेव रुष्ठ हो जाएं तो व्यक्ति को जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जिस भी व्यक्ति पर शनिदेव प्रसन्न हों उसके जीवन में कभी भी धन, वैभव और यश में कमी नहीं आती है। ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव को प्रसन्न करने के कई मंत्र बताए गए हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, शनिवार को इन मंत्रों का जाप करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। आज के इस लेख में हम आपको शनि देव को प्रसन्न करने के कुछ विशेष मंत्र बताने जा रहे हैं-
शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद काले वस्त्र धारण करें। शनि मंदिर जाकर शनिदेव को जल, तिल या सरसों का तेल, काला वस्त्र, अक्षत, फूल, नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद इस मंत्र 'ॐ शं शनिश्चराय नम:' का जाप करें।
जीवन में सफलता पाने के लिए शनि मंत्र
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।
शनिदेव के अन्य मंत्र:
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
शनिदेव का वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
शनिदेव का एकाक्षरी मंत्र- ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
शनिदेव जी का गायत्री मंत्र- ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।
ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
शनि का तंत्रोक्त मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
ऊं कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात
- प्रिया मिश्रा