Chandigarh Mayor Polls: BJP पर बरसे केजरीवाल, आज के दिन गांधी जी की हत्या हुई थी, 76 साल बाद लोकतंत्र की...

By अंकित सिंह | Jan 30, 2024

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मनोज सोनकर ने मंगलवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में I.N.D.I.A ब्लॉक के उम्मीदवार कुलदीप सिंह को हराकर जीत हासिल की। चंडीगढ़ में कांग्रेस और आप ने साझा उम्मीदवार उतारा था। भाजपा की जीत के बाद आप जबरदस्त तरीके से हमलावर है। आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर वार करते हुए कहा कि इसी तारीख को गांधी जी की हत्या हुई थी और 76 साल बाद उन्होंने (भाजपा) लोकतंत्र की हत्या की है... यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है।' उन्होंने खुलेआम गुंडागर्दी की और यह कैमरे में कैद हो गया। 

 

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केजरीवाल ने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि उन्होंने कैसे वोट चुराए... चुनाव कोई भी जीत सकता है या हार सकता है, देश को हारना नहीं चाहिए... मुद्दा यह है कि उन्होंने चंडीगढ़ मेयर का चुनाव खुली धोखाधड़ी से जीता है। उन्होंने कहा कि इस बार इंडिया अलायंस के तहत कांग्रेस और आप एक साथ आए। उनकी (बीजेपी) मंशा शुरू से ही खराब थी। भाजपा पर हमला जारी रखते हुए केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने हमारे और कांग्रेस के पार्षदों को खरीदने की कोशिश की। उन्होंने उन्हें डराने की कोशिश की जैसे वे पूरे देश में करते हैं... लेकिन सौभाग्य से, एक भी पार्षद नहीं टूटा। 


भगवंत मान ने कहा कि उनके पक्ष के सभी 16 लोग वोट देना जानते हैं और हमारे पक्ष के 8 लोग वोट देना ही नहीं जानते!...आज लोकतंत्र को 'लूट' लिया गया...अनिल मसीह बीजेपी अल्पसंख्यक विंग के प्रमुख हैं। उन्होंने अपने पदाधिकारी को पीठासीन पदाधिकारी बना दिया। मान ने कहा कि 18 जनवरी को उन्होंने कहा कि उनकी रीढ़ की हड्डी में दिक्कत है इसलिए वह (चुनाव के लिए) नहीं आ सकते। आज मुझे पता चला कि वह बिल्कुल सही थे। दरअसल, उनके पास रीढ़ की हड्डी ही नहीं थी। वह रीढ़विहीन है। अगर उनमें रीढ़ होती तो वह (वोटों की) ठीक से गिनती करते। 

 

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चंडीगढ़ नगर निगम में 35 सदस्यीय सदन में भाजपा के 14 पार्षद हैं। आप के 13 और कांग्रेस के सात पार्षद हैं। शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है। इसमें स्थानीय सांसद को भी मतदान का अधिकार है। चंडीगढ़ से भाजपा की किरण खेर सांसद हैं। किरण खेर और अकाली के एक वोट को जोड़ ले तो बीजेपी की स्ट्रेंथ 16 पहुंचती है जबकि साझा उम्मीदवार उतारने वाली आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की स्ट्रेंथ 20 पार्षदों की थी। जीत सुनिश्चित करने के लिए 19 वोट के आंकड़े तक पहुंचना जरूरी था। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लिए यह आसान भी लग रहा था। लेकिन जब नतीजे आए, बीजेपी जीत का परचम लहरा चुकी थी। दरअसल, कांग्रेस-AAP उम्मीदवार के पक्ष में पड़े 20 में से आठ वोट रिजेक्ट हो गए। इसके बाद साझा उम्मीदवार को मिले वैलिड वोट 12 ही बचे। और ऐसे में भाजपा की जीत हो गई। 

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