लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)। मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि
कोविड-19 के खिलाफ सामूहिक लड़ाई के कारण राज्य उपचाराधीन मरीजों की संख्या को कम करने में सफल रहा है। शुक्रवार को यहां दौरे पर आये मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि सामूहिक लड़ाई का नतीजा है कि 25 अप्रैल से 10 मई के बीच प्रदेश में जहां रोजाना एक लाख से अधिक नये मामले आने की आशंका थी, उसे आज 7700 मामलों तक रोकने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन,
केंद्र सरकार के सहयोग, जनप्रतिनिधियों की सतर्कता और जिला प्रशासन की टीमों द्वारा बड़े पैमाने पर अभियान के तहत कोरोना महामारी की चुनौती का डटकर मुकाबला किया है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘30 अप्रैल को राज्य में तीन लाख 10 हजार उपचाराधीन मामले थे लेकिन शुक्रवार को इनकी संख्या 1,06,276 रही जो 30 अप्रैल के मुकाबले 68 प्रतिशत कम था। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में परीक्षण और अन्य चिकित्सकीय सुविधाओं के चलते संक्रमण के मामलों में 68 फीसद की कमी आई है। उन्होंने दावा किया कि चार करोड़ 62 लाख से ज्यादा कोरोना नमूनों की जांच कर उत्तर प्रदेश कोविड परीक्षण करने वाले राज्यों में शीर्ष पर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में 1.60 करोड़ से अधिक लोगों को कोविड के टीके लगाए गए हैं, जबकि 18 से 45 आयु वर्ग के आठ लाख से अधिक लोगों को भी टीका लगाया गया है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई को और प्रभावी बनाने के लिए राज्य में निगरानी समितियों के माध्यम से स्क्रीनिंग का सबसे बड़ा अभियान शुरू किया गया है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान की जा रही है।’’ जनप्रतिनिधियों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पार्टी के प्रतिनिधियों ने कोविड के खिलाफ लड़ाई तेज करने के लिए मेरा गांव-कोरोना मुक्त गांव अभियान शुरू किया जिसके परिणामस्वरूप राज्य के सबसे बड़े जिले लखीमपुर खीरी में अब तक केवल 1437 उपचाराधीन मामले रह गये हैं।’’
योगी ने जिले में ऑक्सीजन संयंत्र स्थापना में पार्टी विधायकों की भूमिका की सराहना की। आदित्यनाथ ने बताया कि जिला अधिकारियों को जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अलग टीकाकरण केंद्र स्थापित करने, सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से टीकाकरण के लिए पंजीकरण और वहां स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए नई पहल की गई है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान सरकार ने पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 15 करोड़ पात्र व्यक्तियों को मुफ्त राशन देने का फैसला किया है और इसके अलावा राज्य सरकार उन जरूरतमंद रेहड़ी-पटरी वालों, रिक्शा चालकों, धोबी और ऐसे अन्य दैनिक वेतन भोगियों के साथ खड़ी है जिनकी आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें अगले महीने भत्ता प्रदान करने का फैसला किया है।