By दिनेश शुक्ल | Sep 07, 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश में सोमवार से नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 9वीं से 12वीं तक शुरू होने वाली ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर एमपी बोर्ड और स्कूल शिक्षा विभाग आमने-सामने आ गया है। जिसके चलते सोमवार को को शुरू होने वाली ऑनलाइन कक्षाएं रद्द हो गई है। माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) ने 25 शिक्षकों से विचार-विमर्श और स्कूल शिक्षा मंत्री की सहमति के बाद नई शिक्षा नीति जारी कर दी थी। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग को शामिल नहीं किया था। वही अब स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मंडल का काम परीक्षा लेना और उसके संबंध में नीति निर्धारण करना है। शिक्षा नीति बनाना उनका काम नहीं है। इसी के कारण प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग ने इस आदेश को निरस्त कर दिया।
हालांकि, नई शिक्षा नीति के आने के बाद से ही इस पर विवाद की बातें सामने आ गई थीं। माध्यमिक शिक्षा मंडल,मध्य प्रदेश (एमपी बोर्ड) ने हाईस्कूल और हाई सेकेंडरी विद्यालय, विद्यार्थी, शिक्षकों के लिए माशिमं नाम से एप तैयार करवाया है। इस एप में सभी को नामांकन करना अनिवार्य कर दिया गया था। इसके जरिए ही परीक्षा आवेदन पत्र भरना, शुल्क जमा करना, होम असाइनमेंट और प्राप्तांक दिए जाना तय किया था। माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश ने सोमवार से कक्षा 9वीं से 12वीं तक ऑनलाइन शिक्षा सत्र शुरू करने का फैसला किया था। इस संबंध में शिक्षा मंडल की तरफ से 3 सिंतबर को आदेश जारी किया गया था। जिसमें सुबह 7 से 10 बजे तक कक्षाएं दूरदर्शन और मोबाइल एप के जरिए प्रसारित करने की बात कही थी। ऑनलाइन कक्षाओं के संबंध में विभाग ने सभी तैयारियां भी पूरी कर ली थी।
स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं रद्द करने के फैसले को प्रदेश में सरकारी एजेंसियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई के रूप में लिया जा रहा है। हालांकि ऑनलाइन कक्षाएं कब से संचालित होंगी, इसको लेकर विभाग की तरफ से किसी भी निर्धारित तिथि का ऐलान नहीं किया है। हालंकि यह माना जा रहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश की इस लड़ाई में छात्रों को नुकसान होगा। क्योंकि कोरोना संकट के चलते अभी तक स्कूलों को खोलने का कोई फैसला नहीं लिया गया है। अगर दोनों विभागों के बीच लड़ाई नहीं सुलझी तो छात्रों का कोर्स भी पिछड़ जाएगा।