By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 25, 2019
नयी दिल्ली। खुदरा व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन कैट ने रविवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर अमेजन और फ्लिपकार्ट द्वारा कथित कर-वंचन के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच शुरु करने मांग की है। कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने पत्र में अमेजन, फ्लिपकार्ट समेत अन्य वाणिज्य कंपनियों पर आरोप लगाया कि वे अपने व्यापार मॉडल के अंतर्गत विभिन्न उत्पादों को उचित बाजार मूल्य की तुलना में काफी कम कीमत पर बेचती हैं। इसलिए इस संबंध में उनके द्वारा जीएसटी और अन्य कर पूरी तरह ना वसूले जाने और आयकर से बचने के मामले की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।
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कैट ने कहा की केंद्र सरकार की एफडीआई नीति का पालन न करने से सरकार को जीएसटी राजस्व और आयकर का भारी नुकसान हो रहा है। कैट के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि अमेजन और फ्लिपकार्ट दोनों ने अपने व्यापार मॉडल में लागत से कम मूल्य पर माल बेचना और भारी छूट देकर आभासी तौर पर माल को कम कीमत पर बेचना जारी रखा है। जबकि वस्तुओं का वास्तविक मूल्य बहुत अधिक है।
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जीएसटी कानून के अनुसार किसी भी वस्तु की कीमत को बाजार मूल्य से कम नहीं किया जा सकता है। वास्तविक बाजार मूल्य पर जीएसटी वसूलना उनका वैधानिक दायित्व है। लेकिन कंपनियां इसका उलट कर रही हैं। इससे केंद्र और राज्य सरकार दोनों को भारी जीएसटी राजस्व का नुकसान हो रहा है। कैट ने कहा कि एफडीआई से आने वाला निवेश विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और रिजर्व बैंक के नियमों के तहत आता है। इसलिए वह इन कंपनियों के विदेशी निवेश स्वीकार करने और इसके वितरण को लेकर भी एक अलग जांच की मांग करती है।