By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 12, 2024
तिरुवनंतपुरम। केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए)-2019 लागू करने की घोषणा के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इसे पूरी तरह से सांप्रदायिक उद्देश्यों के साथ विभाजनकारी और नुकसान पहुंचाने वाला कदम करार दिया। थरूर ने कहा, ‘‘यह मूल सिद्धांत के विपरीत है कि भारत में, आपका धर्म कुछ भी हो, आपकी जाति कुछ भी हो, आपकी कुछ भी हो, आपका रंग कुछ भी हो, आप देश के किसी भी हिस्से में रहते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यदि आप भारत के नागरिक हैं, तो आपके पास अन्य सभी लोगों के समान अधिकार हैं।’’ कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कुछ अधिवक्ता इसे उच्चतम न्यायालय के समक्ष उठाएंगे और इसकी संवैधानिकता को चुनौती देंगे।
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने सीएए के खिलाफ संसद में पहले कही गई बात को दोहराते हुए कहा कि यह कानून संविधान के मूल सिद्धांत का उल्लंघन है। थरूर ने कहा, ‘‘यह कानून मूल रूप से गलत धारणा वाला है और मेरा मानना है कि यह हमारी सभ्यता की सहस्राब्दी की परंपराओं का भी अपमान है, जहां हमने ईमानदारी से शरण की पेशकश की है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने खुद केरल में सीएए के खिलाफ सात विरोध प्रदर्शनों की शुरूआत की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसके विरोध में खड़े होंगे।’’ उन्होंने दावा किया कि भाजपा चुनाव के मद्देनजर सीएए को अधिसूचित करके पूरी तरह से सांप्रदायिक संदेश देने की कोशिश कर रही है।