By अंकित सिंह | Jun 26, 2021
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में सभी सियासी दल अपने-अपने समीकरणों को साधने की कोशिश में जुट गए हैं। सत्ताधारी भाजपा भी अब उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर रणनीति बना रही है। इसी के तहत पार्टी अब दलित वोट बैंक को अपने पाले में करने को लेकर आगे बढ़ रही है। आने वाले चुनाव के मद्देनजर भाजपा दलितों को लुभाने की कोशिश में है। इसी के तहत भाजपा सरकार की ओर से अंबेडकर कार्ड खेला गया है। चुनाव से पहले योगी सरकार की ओर से अंबेडकर स्मारक के निर्माण का ऐलान किया गया है।
इस ऐलान के तहत डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 25 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस प्रतिमा की स्थापना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कराई जाएगी। सूत्र यह दावा कर रहे हैं कि लखनऊ के लोक भवन में 29 जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस स्मारक का शिलान्यास कर सकते हैं। अंबेडकर स्मारक का निर्माण भाजपा मायावती की तर्ज पर दलितों को लुभाने की कोशिश कर सकती है। लखनऊ के ऐशबाग में अंबेडकर स्मारक का निर्माण कराया जाएगा। स्मारक में 25 फीट अंबेडकर की प्रतिमा के अलावा कन्वेंशन सेंटर, पुस्तकालय और अन्य दूसरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा सकती है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में दलितों का खूब इस्तेमाल होता आया है। मायावती दलितों की सबसे बड़ी नेता माने जाते हैं। हालांकि भाजपा के इस कदम से उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है। मायावती ने अपने कार्यकाल के दौरान अंबेडकर पार्क के जैसे भव्य स्मारक लखनऊ से नोएडा तक बनवाए थे। आज दलितों के सबसे बड़े स्मारक और प्रतिक चिन्ह के तौर पर यह इन्हें जाना जाता है। हालांकि उस वक्त मायावती की इन योजनाओं का भाजपा ने खूब विरोध किया था। लेकिन आज पार्टी उसी रास्ते पर चल रही है। इसका कारण सिर्फ और सिर्फ दलित वोट बैंक है। भाजपा फिलहाल 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर हर तरह की रणनीति बनाने की कोशिश में जुटी हुई है।