लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा के बाद से ही सत्ताधारी भाजपा अलग-अलग रणनीति पर काम करने में जुट गई है। इस रणनीति में सबसे ज्यादा जोर प्रचार-प्रसार पर दिया जा रहा है। भाजपा ने एक प्रचार-प्रसार समिति का भी गठन किया है जो इस चुनाव के लिए प्रचार की रणनीति पर काम करेगी। लगभग दो महीने तक चलने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के बड़े नेता 2000 से ज्यादा रैलियां करेंगे। खुद प्रधानमंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी 200 से ज्यादा चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे।
नरेंद्र मोदी के अलावा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और योगी आदित्यनाथ के कंधो पर धुंआधार प्रचार की जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही पार्टी के अन्य बड़े नेता भी अलग-अलग जगहों पर प्रचार करेंगे। पार्टी अपने राज्य इकाई के नेताओं को अलग-अलग राज्यों में भी इस्तेमाल कर सकती है। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी देश भर में प्रचार करेंगे। शिवराज सिंह चौहान, सुशील मोदी, केशव मौर्या जैसै नेताओं की राष्ट्रीय स्तर पर सेवाएं ले सकती है।
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भाजपा फिल्म और क्रिकेट जगत की भी बड़ी हस्तियों का चुनाव प्रचार में लाभ लेने की कोशिश में जुटी हुई है जिसमे गौतम गंभीर, विरेंद्र सहवाग, अक्षय कुमार, अजय देवगन, माधुरी दीक्षित आदि शामिल हैं। सुषमा स्वराज और अरुण जेटली स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, अत: इन्हे पार्टी अलग-अलग संगठनों को साधने की जिम्मेदारी दे सकती है।
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प्रचार-प्रसार के दौरान भाजपा के निशाने पर मुख्य रूप से कांग्रेस ही रहेगी। भाजपा इस चुनाव में 'काग्रेस के 50 साल बनाम 5 साल' की लड़ाई के रूप में पेश करेगी जिसका थीम 'सत्ता भोग के 50 साल बनाम सेवा भाव के 50 महीने' रखा गया है। इसके साथ ही भाजपा चुनावों की हर चरण की समीक्षा करेगी और जरूरत के हिसाब से अपनी रणनीति में बदलाव भी कर सकती है।